भारतीय प्रहरीले त्यहाँको एउटा अग्रणी सञ्चार संस्था 'दैनिक भास्कर' समूहको कार्यालयमा छापा मारेको छ। करछलीको आरोपमा भास्कर समूहको विभिन्न शहरस्थित कार्यालयमा बिहिबार आयकर विभागले छापा मारेको हो।
भोपाल, जयपुर, अहमदावादलगायतका कार्यालयहरू छापा मारेको आयकर विभागका प्रवक्ताले पुष्टि गरेका छन्।
'दैनिक भास्कर' को कार्यालय प्रहरीले छापा मारेपछि संसदको वर्षेशत्रमा कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी पार्टीका नेताहरूले तीव्र विरोध गरेका छन्।
पश्चिम बंगालकी मुख्यमन्त्री ममता बनर्जी, अराजस्थानका मुख्यमन्त्री शोक गहलोत, दिल्लीका मुख्यमन्त्री अरविन्द केजरीवाललगायतले पत्रकार र सञ्चार संस्थामाथिको आक्रमणलाई प्रजातन्त्र दबाउने कोशिश भएको संज्ञा दिएकी छिन्।
कोरोनाको समयमा 'दैनिक भास्कर' ले प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी सरकारको लापरबाही निडरताका साथबाट बाहिर ल्याएकै कारण पत्रिकामाथि हमला गरेकाे उनीहरूले दावी गरे।
आयकर विभागको टोली नयाँदिल्ली, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात र राजस्थानस्थित कार्यालयमा पुगी कारबाही सुरु गरेको छ।
भास्कर समूशका अध्यक्ष सुधीर अग्रवाल, गिरीश अग्रवाल र पवन अग्रवालको घरसहित कयौँ भास्करकर्मीको निजी निवासमा विभागले छापा मारेको दैनिक भास्कारले जनाएको छ।
प्रेस कम्प्लेक्सस्थित कार्यालयमा कार्यरत कर्मचारीहरूको मोबाइल समेत विभागले जफत गरेकाे बताइएको छ।
The attack on journalists & media houses is yet another BRUTAL attempt to stifle democracy.#DainikBhaskar bravely reported the way @narendramodi ji mishandled the entire #COVID crisis and led the country to its most horrifying days amid a raging pandemic. (1/2)
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) July 22, 2021
दैनिक भास्कर अखबार और भारत समाचार न्यूज़ चैनल के कार्यालयों पर इनकम टैक्स का छापा मीडिया को दबाने का एक प्रयास है। मोदी सरकार अपनी रत्तीभर आलोचना भी बर्दाश्त नहीं कर सकती है। यह भाजपा की फासीवादी मानसिकता है जो लोकतंत्र में सच्चाई का आइना देखना भी पसंद नहीं करती है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 22, 2021
न दबिश चलेगी, न दबाब,
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 22, 2021
अब आएगा सच का सैलाब !#RAID #RaidOnFreePress https://t.co/PDb76cvrjY
दैनिक भास्कर और भारत समाचार पर आयकर छापे मीडिया को डराने का प्रयास है। उनका संदेश साफ़ है- जो भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ बोलेगा, उसे बख्शेंगे नहीं।ऐसी सोच बेहद ख़तरनाक है।सभी को इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठानी चाहिए
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 22, 2021
ये छापे तुरंत बंद किए जायें और मीडिया को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए
मोदी सरकार में प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ को दबाने का, सच को रोकने का काम शुरू से ही किया जा रहा है, अभी पेगासस जासूसी मामले में भी कई मीडिया संस्थान व उससे जुड़े लोग बड़ी संख्या में निशाने पर रहे है और अब सरकार की निरंतर पोल खोल रहे,
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 22, 2021