मानसून आने के साथ ही किसान खरीफ फसलों की बुवाई की तैयारी कर देते हैं, ऐसे में किसानों के लिए सबसे पहले जानना जरूरी होता है कि कौन सी फसल की बुवाई कब और कैसे करें। अलग-अलग राज्यों में सभी फसलों की बुवाई का अलग समय होता है और राज्यों के हिसाब से किस्में भी विकसित की जाती हैं, इसलिए किसानों के लिए जानना जरूरी हो जाता है कि किस विधि से फसलों की बुवाई करें। मक्का की खेती मक्का की खेती करने वाले किसानों को जून के अंत तक बुवाई कर लेनी चाहिए।
धानमंत्री ने कहा, 'केंद्र सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन शुरू किया था, लेकिन बार-बार कई राज्यों ने कहा कि उन्हें स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। केंद्र सरकार ही सब कुछ क्यों तय करे। कुछ ने तो यहां तक कह दिया कि प्राथमिकता क्यों तय हो।
इंडियन मेट्रोलॉजिकल विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए कहा कि 10 जून तक कई राज्यों में भारी बारिश होने का अनुमान है। भारी बारिश उत्तर पूर्व राज्यों के साथ देश के पूर्वी राज्यों में अगले तीन दिनों में असर दिखा सकती है। बताया जा रहा है कि दक्षिणी-पश्चिमी हवाओं के मजबूत होने से मौसम में ये बदलाव दिखेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि कहीं यह गंगा के विलुप्त होने का संकेत तो नहीं है? ऐसे में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि भारत सरकार के द्वारा गंगा पुर्नरुद्धार के नाम पर बनाई गईं कई परियोजनाएं घोटाला तो बनकर नहीं रह गई?
बातचीत के बाद प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर कहा- कुछ देर पहले अमेरिकी वाइस प्रेसिडेंट कमला हैरिस से बातचीत की। अमेरिका ग्लोबल वैक्सीन शेयरिंग के जरिए जो वैक्सीन भारत को दे रहा है, उसकी मैंने सराहना की। महामारी के दौर में अमेरिकी सरकार, कार्पोरेट सेक्टर और वहां बसे भारतीयों ने जो मदद की है, उसके लिए शुक्रिया अदा किया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी कर बताया कि बॉयोलॉजिकल-ई की कोविड-19 वैक्सीन इस समय तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल से गुजर रही है। पहले और दूसरे क्लीनिकल ट्रायल में बेहतर नतीजे मिले थे। वैक्सीन को बॉयोलॉजिकल-ई ने विकसित किया है, जो आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है। संभावना है कि जून-जुलाई के दौरान इसके परीक्षण पूरे हो जाएंगे और नियामक की मंजूरी भी मिल जाएगी तथा अगस्त से इसका टीकाकरण में इस्तेमाल शुरू हो जाएगा।
साल 2021 में सिर्फ कृषि और बिजली को छोड़कर बाकी सभी सेक्टर कोरोना महामारी और लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित हुए. व्यापार, निर्माण, खनन और विनिर्माण सेक्टर में भारी गिरावट दर्ज की गई. भारत में असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ कामगारों में से ज्यादातर इन्हीं सेक्टर में काम करते है. इन सेक्टर में आई बड़ी गिरावट के चलते बड़ी संख्या में ये कामगार बेरोजगार हुए. CMIE के आंकड़ों के मुताबिक अब भी देश में बेरोजगारी दर फिलहाल 11% से ज्यादा है.
मार्च में हुए चुनाव में नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को बहुमत नहीं मिलने के बाद दूसरे नंबर की पार्टी को अन्य सहयोगियों के साथ सरकार बनाने का निमंत्रण दिया गया था.
राकेश पंडिता त्राल नगर पालिका के अध्यक्ष थे। कश्मीर जोन पुलिस के अनुसार राकेश पंडिता को दो पीएसओ की सुरक्षा दी गई थी। इसके अलावा उन्हें श्रीनगर में सुरक्षित होटल में आवास सुविधा दी गई थी। बुधवार को वे बिना सुरक्षा कर्मियों के ही त्राल चले गए जहां पर वे आतंकी हमले के शिकार हो गए।
फ़िलहाल उनकी स्थिति स्थिर हउ और घर पर ही उनका इलाज चल रहा है। रिपोर्ट आने में इतनी देरी क्यों हुई? क्या आपने जिला अस्पताल से फिर सम्पर्क नहीं किया, इस सवाल में जवाब में आयुषी कहती हैं, "मुझे तो लगा कि सरकारी अस्पताल में जाँच अच्छी होगी और रिपोर्ट भी जल्दी मिल जाएगी। लेकिन जब 4 दिन बाद भी रिपोर्ट नहीं आयी तो मैं अस्पताल गयी।
पुलिस अधिकारियों ने आनन-फानन अलर्ट जारी किया। इसके बाद ऑपरेशन कमांडर कंट्रोल रूम अंजुल कुमार की तहरीर पर सुशांत गोल्फ सिटी थाने में धमकी देने वाले नंबर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस अधिकारियों ने नंबर की लोकेशन ट्रेस करने एवं धमकी देने वाले की गिरफ्तारी के लिए सर्विलांस समेत पुलिस की कई टीमें लगी हैं। टीमें आरोपित की तलाश में दबिश दे रही हैं।
फ्रैंचेशिनी ने बताया कि नए असाधारण फर्श पर खड़े होकर पर्यटक इस स्मारक की भव्यता को निहार पाएंगे। उन्होंने कहा, कोलोसियम के पुनर्निर्माण की दिशा में यह एक और कदम है। यह एक महत्वाकांक्षी योजना है जिससे इस ऐतिहासिक स्मारक को अपने असली स्वरूप तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
सबसे पहले तो मैं कहना चाहता हूं कि वैक्सीन निर्माण एक विशेष प्रक्रिया है। इसलिए इसका निर्माण रातोंरात बढ़ा देना संभव नहीं है। हमें ये भी समझना हेागा कि भारत की आबादी बहुत ज्यादा है और सभी वयस्कों के लिए पर्याप्त डोज का निर्माण आसान काम नहीं है। यहां तक कि उन्नत देश और कंपनियां कम आबादी के लिहाज से भी संघर्ष कर रही हैं।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, मई के पहले सप्ताह में यहां मौतों का सर्वाधिक आंकड़ा देखने को मिलेगा और 1 जून तक यह कम होकर स्थिर हो जाएगा। टीकाकरण के रुझानों का विश्लेषण करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर यह प्रक्रिया सुचारू ढंग से जारी रही यानी एक महीने में 15 से 20 लाख लोगों का वैक्सीनेशन हुआ तो मरने वालों का आंकड़ा 1 जून को जनवरी-फरवरी के स्तर तक पहुंच जाएगा।
केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में अदालत से एक मई के आदेश को वापस लेने की अपील करते हुए कहा कि उसके अधिकारी कड़ी मेहनत कर रहे हैं और ऐसे आदेशों से उनके मनोबल पर गलत प्रभाव पड़ेगा.
पश्चिम बंगाल की सत्ता हासिल करने के लिए बीजेपी अबकी पूरी ताकत के साथ विधानसभा चुनाव में उतरी थी. उसने नारा दिया था - अबकी बार दो सौ पार. लेकिन वह सौ तक भी नहीं पहुंच सकी. चुनाव नतीजों को पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. टीएमसी की जीत में ममता के प्रति महिला वोटरों में भारी समर्थन और लेफ्ट और कांग्रेस को वोटरों का उसके खेमे में आना प्रमुख वजहें हैं. इसके अलावा नंदीग्राम में चोट के बाद ममता ने जिस तरह व्हीलचेयर के सहारे ही चुनावी रैलियां और रोड शो किए, बीजेपी की हिंदुत्व और जात-पांत की राजनीति के खिलाफ जिस तरह लगातार अभियान चलाया और तेल व गैस की बढ़ती कीमतों के साथ राज्य में कोरोना संक्रमण के लिए जिस तरह बीजेपी नेताओं को जिम्मेदार ठहराया, उसने टीएमसी की जीत में अहम भूमिका निभाई है.
उत्तर-पश्चिम लंदन में वेम्बली के एक मंदिर में एक छोटी सी मंडली हज़ारों मील दूर रह रहे अपनों के लिए हनुमान चालीसा का पाठ कर रही है. भक्ति से भरे इन भजनों से ज़रूरतमंदों के कल्याण की कामना की जा रही है
लोगों की जान बचाने वाले व्यक्ति पर ही प्रशासन ने गाज गिरा दी। कल तक दर्जनों मरीजों को अपने पैसे से ऑक्सीजन मुहैया कराकर जान बचाने वाले एम्बुलेंस मालिक पर ही पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। नगर कोतवाली में सीएमएस की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। इतना ही नहीं एम्बुलेंस मालिक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार उसके घर पर दबिश दे रही है।
"मैंने देखा कि लोगों के पैसा नहीं होता कि शव का अंतिम संस्कार करा पाएं, एक तो उनके ऊपर ऐसे ही इतना दुख होता है कि परिवार का सदस्य चला और ऊपर से एंबुलेंस और शव वाहन हजारों रुपए मांगते हैं।" वर्षा बताती हैं। 42 साल की वर्षा पिछले तीन वर्षों से लावारिश शवों का अंतिम संस्कार कर रही हैं।
मृतकों का कुल आंकड़ा 2.11 लाख को पार गया है। शुक्रवार सुबह आठ बजे तक के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 24 घंटे में 3,498 मरीजों की मौत हुई थी। राष्ट्रीय स्तर पर स्वस्थ होने की दर 90 फीसद से नीचे पहुंच गई है। अब तक 1.56 करोड़ से ज्यादा लोगों ने कोरोना को मात दी है। इस गंभीर होती स्थिति के बीच राहत की बात यह है कि देश में मृत्यु दर 1.1 फीसद है, जो अन्य कई देशों की तुलना में बहुत कम है।
महामारी की दूसरी लहर हमारे प्रियजनों को लीलती जा रही है। हममें से बहुत से लोग, जिन्हें आईसीयू बेड और ऑक्सीजन, दोनों की जरूरत होती है, सुबह तक उन लोगों से संपर्क करने की कोशिश में जागते रहते हैं, जो इस मामले में मदद करने में सक्षम हो सकते हैं। इस गहन दुख और शोक के बीच भी कटु विडंबना को न पहचान पाना ज्यादा कष्टदायक है।