राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक– एक्यूआई आज सुबह फिर से ‘गंभीर’ श्रेणी में बदल गया, इसके बाद यह मामूली सुधार के साथ ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गया। उच्चतम न्यायालय ने कल पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की राज्य सरकारों को फसल अवशेष जलाने पर रोक सुनिश्चित करने का निर्देश दिया और कहा कि प्रदूषण के कारण लोगों को मरने नहीं छोड़ा जा सकता।
इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक लगातार खराब होने को देखते हुए नोएडा और गाजियाबाद जिला प्रशासन ने स्कूलों में कक्षाएं निलंबित कर दीं हैं।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने आज दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण की स्थिति पर समीक्षा बैठक की। पत्रकारों से बात करते हुए श्री चौबे ने कहा कि वायु प्रदूषण के स्तर पर सर्वोच्च न्यायालय की चिंता स्वाभाविक है।
सु्प्रीम कोर्ट का चिंता स्वाभाविक है और जो उन्होंने सलाह दी है इस पर कहीं भी राजनीति ना होनी चाहिए और पराली तुरंत जल्द बंद होना चाहिए। ये स्पष्ट दिशानिर्देश हम लोगों ने इस आशय का जारी भी किया है। ग्रिप-4 जब जारी किया है, उसमें भी हर प्रकार की चीजों का उल्लेख हम लोगों ने कर दिया है।