कतर में इंडियन NAVY के 8 पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा

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कतर में भारतीय नौसेना के पूर्व 8अधिकारियों को फांसी की सजा सुनाई गई है। बताया जा रहा है कि इन सभी पूर्व अधिकारियों पर जासूसी का आरोप लगा हुआ है। हालांकि कतर ने आरोप को सार्वजनिक नहीं किया है लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि इन अधिकारियों पर कतर के सबरमरीन प्रोग्राम की गोपनीय जानकारी इजरायल से साझा करने का इल्जाम लगा है।

कतर ने 8 पूर्व नौसेना को सुनाई फांसी की सजा

जानकारी के अनुसार, सभी पूर्व अधिकारिय़ों को 2022में गिरफ्तार किया गया था और तभी से कतर के पास ही वह गिरफ्तार थे। वहीं अब उस मामले में फैसला आया है। सभी को फांसी की सजा सुनाई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, कतर की खुफिया एजेंसी 'कतर स्टेट सिक्योरिटी' ने दावा किया था कि उसने पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों के उस सिस्टम को इंटरसेप्ट किया है जिसके जरिए वे कथित तौर पर जासूसी कर रहे थे. हालाँकि, कतर ने भारत सरकार के साथ ऐसा कोई सबूत साझा नहीं किया।

भारत की संसद में भी उठा था यह मुद्दा

इस मामला में कांग्रेस की भी प्रतिक्रिया सामने आई थी। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर बताया कि उन्होंने इस मुद्दे को पिछले साल लोकसभा में उठाया था। तिवारी ने लिखा,“मैंने 7 दिसंबर 2022 को लोकसभा में 8 सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारियों की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया था। उस समय वह 120 दिनों के लिए एकांत कारावास में थे। मैंने इस मुद्दे को संसद के अंदर और बाहर कई बार उठाया है।'

क्या है सबरमरीन समझौता?

कतर ने इटली निर्मित हाईटेक पनडुब्बी खरीदने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते पर ट्राइस्टे स्थित जहाज निर्माण कंपनी 'फिनकैंटिएरी एसपीए' के साथ साल 2020 में हस्ताक्षर किए गए थे। परियोजना के तहत कंपनी को कतर में एक नौसैनिक अड्डा बनाना था, साथ ही नौसैनिक बेड़े का रखरखाव भी करना था। कतर ने समझौते के तहत चार कार्वेट (एक प्रकार का जहाज) और एक हेलीकॉप्टर का भी ऑर्डर दिया था।

प्रकाशित तारीख : 2023-10-27 17:42:00

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