अफगानिस्तान में तालिबान का आगे बढ़ना जारी है और तालिबानी लड़ाकों ने दूसरे प्रांत पर भी कब्जा कर लिया है, अब तक उन्होंने छह प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर लिया है. तालिबान ने सोमवार को एक अन्य उत्तरी अफगान प्रांत समांगन की राजधानी ऐबक पर कब्जा करने की घोषणा की और पिछले पांच दिनों में तालिबान ने छह प्रांतीय राजधानियों पर नियंत्रण हासिल कर लिया है.
ममता बनर्जी तीन दिन के हालिया दिल्ली दौरे के बाद कोलकाता लौट गई हैं. अपने दिल्ली प्रवास के दौरान उन्होंने कई नेताओं से मुलाक़ात की. इन नेताओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नितिन गडकरी और सोनिया गांधी प्रमुख थे.
अफगान तालिबान ने अपने पड़ोसी देशों के साथ लगती सभी सीमावर्ती चौकियों पर नियंत्रण कर लिया है और व्यापार पर भी अब उसका कब्जा हो चुका है। अफगानिस्तान से जुड़े जिन देशों की सीमाओं पर तालिबान का कब्जा है, उनमें पाकिस्तान, ईरान, चीन, तुर्कमेनिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। जबकि तालिबान के काबुल पर कब्जा करने से पहले ही उसका असर पाकिस्तान तक पहुंच गया है।
किसान धान, गेहूं गन्ना जैसी परंपरागत फसलों की जगह केला, आलू, गोभी, तरबूज, टमाटर, मशरूम जैसी नकदी फसलें उगाने लगे हैं। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी अग्रिम अनुमान के अनुसार साल 2020-21 में बागवानी फसलों का रकबा और उत्पादन दोनों बढ़ा है।
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते पर्यटन क्षेत्र पर भी व्यापक असर पड़ा है। कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए कई महीनों तक पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया गया था। वहीं, संक्रमण दर घटने और स्वस्थ होने की दर बढ़ने के बाद पर्यटन स्थलों को धीरे-धीरे खोला जा रहा है। इससे पर्यटकों में उत्साह की लहर दौड़ गई है।
पेट्रोल और डीजल की कीमत में आग लगने का दौर बस्तूर जारी है। सरकारी तेल कंपनियों ने आज फिर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा किया है। आज पेट्रोल की कीमत में 35 पैसे और डीजल की कीमत में प्रति लीटर 26 पैसे की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि कल इनके दाम नहीं बढ़े थे।
जैसा कि आम तौर पर 15 चेहरों वाले कोलाज में होता है, यहां हर मंत्री अकेला नहीं है बल्कि वह अपने प्रिय नेता के लिए किसी प्रॉप (सहारे) के रूप में मौजूद है, जो यह स्पष्ट करता है कि दोनों अविभाज्य हैं, इनमें कोई अंतर नहीं है, और कैबिनेट का यह सदस्य या तो केवल एक पिछलग्गू है या प्रधानमंत्री का ही विस्तार.
कोरोना की दूसरी लहर के कारण मंत्रालय गंवाने वाले डॉ. हर्षवर्धन की जगह मीडिया के सामने नए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया आए। आते ही उन्होंने 23 हजार करोड़ के इमरजेंसी पैकेज का ऐलान किया। अपनी छोटी सी स्पीच में कई बार उन्होंने पूर्ण विराम शब्द का इस्तेमाल किया। तीसरी लहर की चुनौतियों का जिक्र किया और ये इशारा भी कि इस लहर पर पूर्ण विराम लगाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय अभी से तैयार है।
सूत्रों की मानें तो कैबिनेट के 30-35 फीसदी चेहरे बदल सकते हैं। मौजूदा समय में कैबिनेट में 21 कैबिनेट मंत्री हैं जिनकी संख्या बढ़ सकती है। जबकि स्वतंत्र प्रभार के नौ और राज्यमंत्री 23 हैं। इनकी संख्या में भी इजाफा किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश समेत चुनाव वाले राज्यों के समीकरण साधने पर विशेष जोर दिया जा सकता है। उत्तर प्रदेश से आने वाले मंत्रियों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें बड़े मंत्रालय दिए जा सकते हैं जो सीधे जनता से जुड़े हों।
फ्रांस में कट्टर दक्षिणपंथी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. रविवार को हुए क्षेत्रीय चुनावों में मरीन ला पेन की पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली है. अगले साल देश में राष्ट्रपति चुनावों से पहले ला पेन की पार्टी का सूपड़ा साफ हो जाना उनके भविष्य पर बड़े सवाल खड़े करता है.
ईरानी राज व्यवस्था में सर्वोच्च नेता का पद सबसे ताक़तवर माना जाता है. साल 1979 में हुई इस्लामिक क्रांति के बाद से अब तक सिर्फ़ दो लोग सर्वोच्च नेता के पद तक पहुँचे हैं. इनमें से पहले ईरानी गणतंत्र के संस्थापक अयातुल्लाह रुहोल्ला ख़ुमैनी थे और दूसरे उनके उत्तराधिकारी वर्तमान अयातोल्लाह अली ख़ामेनेई हैं
लाखों की संख्या में श्रमिकों का शहरों से गांवों की ओर पलायन हुआ था। चूंकि लॉकडाउन के कारण यातायात के साधन भी उपलब्ध नहीं थे, इसलिए श्रमिक अपने परिवार के साथ मजबूरीवश पैदल अपने गांवों में पहुंचे थे। ऐसे कठिन समय में देश के गरीब वर्ग एवं विशेष रूप से इन श्रमिकों की सहायता करने के उद्देश्य से 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना' को लागू किया गया था।
अगस्टीना गाँव कनेक्शन से बताती हैं, "मैंने साल 2019 में सेब की खेती की ट्रेनिंग ली थी, उसके बाद पालमपुर से सेब के पौधे मंगाकर लगा दिए थे, जो अच्छी तरह से से तैयार हो गए हैं और दो साल में ही फल भी देने लगे हैं।" अगस्टीना जैसे कई लोगों ने ट्रेनिंग के बाद पौधे लगाए और अच्छा परिणाम भी आया है। पूर्वोत्तर के राज्यों में सेब की खेती को बढ़ावा देने में हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में स्थित सीएसआईआर-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान का अहम योगदान है।
जितिन मनमोहन सरकार में मंत्री पद पर रहे और राहुल गांधी के करीबी समझे जाते थे। उनकी गिनती ज्योतिरादित्य सिंधिया, सचिन पायलट एवं मिलिंद देवरा के साथ होती थी। पिछले वर्ष सिंधिया भाजपा में आए और अब जितिन ने भी उनकी राह पकड़ी।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी गिरते कोरोना के स्तर को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने कोरोना कर्फ्यू से राहत देनी शुरू कर दी है। प्राधिकारियों द्वारा अगले सप्ताह से सैलून और साप्ताहिक बाजारों के खुलने की उम्मीद है। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। बता दें कि दिल्ली में इस समय अनलॉक की प्रक्रिया चल रही है।
मामले में आरटीआई आवेदन यश पॉल मानवी द्वारा 17 जुलाई, 2019 को दायर किया गया था. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में रिट (सिविल) संख्या 333/2015 के संबंध में डीओपीटी द्वारा दायर जवाब की एक प्रति मांगी थी.
पर महामारी विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत लहारिया ऐसा नहीं मानते। उनका कहना है कि इसे साबित करने का साइंटिफिक आधार नहीं है। तुलनात्मक रूप से बड़ों के मुकाबले बच्चों में कोई रिस्क नहीं है।
इससे पहले की सुनवाई में डोमिनिका हाईकोर्ट ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की जमानत याचिका पर सुनवाई 11 जून तक के लिए स्थगित कर दी थी।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) की अनुशंसाओं के बावजूद इस दिशा में दृढ़ इच्छाशक्ति की कमी के कारण पर्याप्त काम नहीं हुआ. यहां तक कि कोरोना की दोनों लहरों के बीच तैयारी के लिए मिले अच्छे खासे वक्त में भी राज्य सरकार ने उस स्तर की तैयारी नहीं की, जिसकी दरकार थी.
पुलिस के मुताबिक जिस विवाद को लेकर उन्होंने जान देने की कोशिश की, उसकी शुरुआत बाल कटवाने को लेकर हुई थी. पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है.
सवाल यह है कि जिस राज्य में भाजपा इतनी मजबूत है, वहां उसे अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए जितिन प्रसाद जैसे ऐसे बाहरी नेताओं पर भरोसा क्यों करना पड़ रहा है जो लगातार तीन बार से अपना चुनाव हार रहे हैं। भाजपा को ऐसा क्यों लगता है कि ये नेता उसके लिए सफल साबित होंगे।