अफगान तालिबान ने अपने पड़ोसी देशों के साथ लगती सभी सीमावर्ती चौकियों पर नियंत्रण कर लिया है और व्यापार पर भी अब उसका कब्जा हो चुका है। अफगानिस्तान से जुड़े जिन देशों की सीमाओं पर तालिबान का कब्जा है, उनमें पाकिस्तान, ईरान, चीन, तुर्कमेनिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। जबकि तालिबान के काबुल पर कब्जा करने से पहले ही उसका असर पाकिस्तान तक पहुंच गया है।
पंजाब पाठ्यक्रम एवं पाठ्यपुस्तक बोर्ड ने सोमवार को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस द्वारा प्रकाशित सातवीं कक्षा की समाज अध्ययन की वह किताब जब्त कर ली है, जिसमें 1965 के युद्ध नायक मेजर अजीज भट्टी शहीद के साथ मलाला यूसुफजई की तस्वीर को महत्वपूर्ण व्यक्तित्व की सूची में प्रकाशित किया गया था। किताब के पृष्ठ 33 पर कुछ महत्वपूर्ण हस्तियों के चित्र प्रकाशित किए गए थे, जिनमें कायद-ए-आजम मुहम्मद अली जिन्ना, राष्ट्रीय कवि अल्लामा इकबाल, सर सैयद अहमद खान, लियाकत अली खान, महान परोपकारी अब्दुल सत्तार ईधी, बेगम राणा लियाकत अली खान, निशान-ए-हैदर प्राप्तकर्ता मेजर अजीज भट्टी शहीद और कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई शामिल थे।
यही नहीं, जिन दुकानों पर यह स्कूली किताब उपलब्ध थी, वहां-वहां छापेमारी भी की गई। नोबेल शांति पुरस्कार हासिल कर चुकी मलाला यूसुफजई पूरी दुनिया में बेहद लोकप्रिय हैं, लेकिन उनकी आत्मकथा आई एम मलाला पर खैबर पख्तूनख्वा में प्रतिबंध है, जो कि उनका जन्मस्थान है। मलाला पाकिस्तान की यात्रा भी नहीं कर सकतीं, क्योंकि उनकी जान को खतरा है और अनेक लोगों और समूहों का यह मानना है कि वह एक पश्चिमी जासूस हैं और उन्होंने खुद पर हमला होने की झूठी खबर गढ़ी थी। मलाला न केवल अफगान तालिबान के सहयोगी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान की दुश्मन हैं, बल्कि अनेक पाकिस्तानी भी उनका घनघोर विरोध करते हैं।