इस रिपोर्ट के लिए चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने पार्टियों के आय कर रिटर्न्स और चुनाव आयोग को दी गई चंदे की जानकारी का अध्ययन किया. पूरी समीक्षा कर एडीआर इस नतीजे पर पहुंची कि पार्टियों की फंडिंग के अधिकांश स्त्रोत अज्ञात हैं.
संस्था के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में क्षेत्रीय पार्टियों ने अज्ञात स्त्रोतों से 445.774 करोड़ रुपए कमाए जो उनकी कुल कमाई का 55.50 प्रतिशत है. इन पैसों में से भी 95.6 प्रतिशत चुनावी बॉन्ड से आए, जो यह दिखाता है कि ये बॉन्ड अज्ञात स्त्रोतों से कमाई का सबसे बड़ा जरिया बने हुए हैं.