लेकिन ये जटिल राजनीतिक व्यवस्था चलती कैसे है और इसमें सत्ता की चाबी किसके पास रहती है?
ईरानी राज व्यवस्था में सर्वोच्च नेता का पद सबसे ताक़तवर माना जाता है. साल 1979 में हुई इस्लामिक क्रांति के बाद से अब तक सिर्फ़ दो लोग सर्वोच्च नेता के पद तक पहुँचे हैं. इनमें से पहले ईरानी गणतंत्र के संस्थापक अयातुल्लाह रुहोल्ला ख़ुमैनी थे और दूसरे उनके उत्तराधिकारी वर्तमान अयातोल्लाह अली ख़ामेनेई हैं. ख़ुमैनी ने शाह मोहम्मद रज़ा पहेलवी के शासन का तख़्तापलट होने के बाद इस पद को ईरान के राजनीतिक ढांचे में सबसे ऊंचे पायदान पर जगह दी थी.
सर्वोच्च नेता ईरान की सशस्त्र सेनाओं का प्रधान सेनापति होता है. उनके पास सुरक्षा बलों का नियंत्रण होता है. वह न्यायपालिका के प्रमुखों, प्रभावशाली गार्डियन काउंसिल के आधे सदस्यों, शुक्रवार की नमाज़ के नेताओं, सरकारी टेलीविज़न और रेडियो नेटवर्क के प्रमुखों की नियुक्ति करते हैं. सर्वोच्च नेता की अरबों डॉलर वाली दानार्थ संस्थाएं ईरानी अर्थव्यवस्था के एक बड़े हिस्से को नियंत्रित करती हैं.