महाराष्ट्र में संक्रमण के बढ़ते मामलों बीच मुंबई के टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि मुंबई में 1 जून तक वायरस से होने वाले संक्रमण की स्पीड में कमी आ सकती है। हालांकि, इसके लिए शर्त यह है कि इस दौरान तक वायरस का कोई नया वैरिएंट सामने नहीं आना चाहिए। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि लोकल ट्रेन की वजह से मुंबई में तेजी से कोरोना फैला।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, मई के पहले सप्ताह में यहां मौतों का सर्वाधिक आंकड़ा देखने को मिलेगा और 1 जून तक यह कम होकर स्थिर हो जाएगा। टीकाकरण के रुझानों का विश्लेषण करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर यह प्रक्रिया सुचारू ढंग से जारी रही यानी एक महीने में 15 से 20 लाख लोगों का वैक्सीनेशन हुआ तो मरने वालों का आंकड़ा 1 जून को जनवरी-फरवरी के स्तर तक पहुंच जाएगा। अगर कोई नया वेरिएंट नहीं सामने आया तो 1 जुलाई से शहर में स्कूलों को फिर से खोला जा सकता है।