राजेश कुमार चौहान
तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर किए कब्जे के कुछ ही दिनों बाद काबुल में जो आतंकी हमला हुआ है वो यह संकेत कर रहा है कि तालिबान अफगानिस्तान में आतंकी ठिकानों को पालेगा, जोकि किसी एक देश के लिए ही नहीं, बल्कि सारी दुनिया के लिए खतरा बन सकता है।
हाल ही में काबुल पर हुए हमले ने आतंकवाद का यह चेहरा भी बेनकाब किया है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है और कुछ इंसानियत के दुश्मन एक धर्म विशेष के नाम का सहारा लेकर दुनिया में आतंक फैला रहे हैं।
इस्लाम धर्म के धर्म गुरुओं और बुद्धिजीवियों को इस पर गंभीर होना चाहिए। जब भी दुनिया के किसी भी कोने में आतंकी हमला होता है तो उसके शिकार हर धर्म के लोग होते हैं। यह बात अच्छी तरह समझनी चाहिए और पूरी दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना चाहिए।