देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने नेपाल के भारत में विलय का राजा त्रिभुवन बीर बिक्रम शाह के ऑफर को ठुकरा दिया था। दिवंगत राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बहुचर्चित किताब द प्रेसिडेंशियल इयर्स में यह दावा किया गया है।
चैप्टर 11 में माई प्राइम मिनिस्टर: डिफरेंट स्टाइल्स, डिफरेंट टेम्परेंटेंट्स शीर्षक में मुखर्जी ने लिखा है कि नेपाल में राजशाही की जगह राणा शासन की जगह लेने के बाद उन्होंने नेहरू को यह सुझाव दिया था कि नेपाल को भारत का एक प्रांत बना दिया जाए, लेकिन प्रथम प्रधानमंत्री ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। नेहरू का कहना था कि नेपाल एक स्वतंत्र राष्ट्र था और उसे ऐसा ही रहना चाहिए।
पिछले दिनों द प्रेसिडेंशियल इयर्स पर पूर्व राष्ट्रपति के बेटे अभिजीत मुखर्जी और उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी आमने-सामने आ गए थे।
पूर्व राष्ट्रपति के बेटे और कांग्रेस के पूर्व सांसद अभिजीत मुखर्जी ने जहां चिंता जाहिर करते हुए पब्लिकेशन हाउस से किताब को रिलीज नहीं करने के लिए कहा था, वहीं दिवंगत राष्ट्रपति की बेटी और कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने भाई अभिजीत से पुस्तक के प्रकाशन में कोई बाधा नहीं डालने की अपील करते हुए सस्ती लोकप्रियता से बचने की नसीहत भी दी थी।