नेपाल में चीन की राजदूत होउ यांकी संकटग्रस्त केपी शर्मा ओली सरकार में कई मुलाक़ातों को लेकर निशाने पर हैं.
नेपाल में विपक्ष से लेकर मीडिया तक में सवाल उठा कि घरेलू राजनीति में किसी राजदूत की ऐसी सक्रियता ठीक नहीं है. मुलाक़ातों का यह दौर पिछले ढाई महीने से चल रहा है.
भारत में नेपाल के राजदूत रहे लोकराज बराल ने इन्हीं मुलाक़ातों को लेकर पाँच मई को नेपाल टाइम्स से कहा था कि चीन नेपाल की राजनीति में माइक्रो मैनेजमेंट की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने यह भी कहा था कि कुछ साल पहले तक यही काम भारत नेपाल में करता था.
सात जुलाई को होउ यांकी की सत्ताधारी पार्टी के नेताओं से जारी मुलाक़ातों के ख़िलाफ़ काठमांडू में नेपाली छात्रों ने चीनी दूतावास के बाहर पोस्टर लेकर प्रदर्शन भी किया.
पोस्टरों पर लिखा था कि दूतावास सत्ताधारी नेताओं के घर से संचालित न हो. इसे लेकर कुछ विपक्षी नेताओं ने भी सवाल उठाए.