अच्छा जी, तो तुम्हें
नागरिकता का प्रमाण चाहिए
हमारी ही बनायी दुनिया में
हमारे होने का निशान चाहिए!
हमारा निशान तो ताज है
हर वो शिवाला जो आज है
हमने ही ढाले ये राजपथ
हमीं से बुलंद तेरा सामराज है
और हमीं से तुम्हें लगान चाहिए!
हम मेहनतकश लोग हैं
बूंद भर भी नहीं मज़हबी रोग है
ये तो तुम हुक्मरां लोग हो
कि मज़हब ही तुम्हारा जोग है
तूझे तो मज़हबी शैतान चाहिए!
ये बच्चें जो तेरे निशाने पर हैं
ये न समझ कि किनारे पर हैं
समंदर बनके ये जब लेंगे ठाठ
समझ, क़िला तेरा ठिकाने पर है
इस खातिर न कोई इम्तहान चाहिए!
दुनिया दुनिया हम घूमें
सबके नाले सबके छाले हम चूमें
फल चखने की जो आये बारी
तो डालो जयकारा बस मुंह में
नहीं तिनका, आसमान चाहिए!