रोशन दियाली
अरे ! भई ये क्या जुलूस हैंरु
और ये भारत माता की जय क्यों हैरु
साहब! साहब! बुरा मत मानना
अपने आप पर जरूर झाकना
कहने दो मुझे आज ना रोकना
बोल तो रहें थे तुम इंजिनियर हो।
मैं ठहरा एक रीक्सा वाला
बोल तो रहें रहें थे
तुम पढ़े लिखे हो।
पर मैं तो एक रीक्सा वाला
२३ मार्च है दिल में रखने वाला
रीक्सा वाला जरा औकात में रहना
बनो मत ज्ञान देने वाला
शहाब मैं कौन होता हूं मतवाला
मैं तो अपने वीरोको नमन करने वाला
अच्छा रीक्सा वाला !
तो क्या मैं वीरो को खंडन करने वालारु
पता है मुझे देश के वीरों का बोला बाला
गांधी, नेहरू और बल्लब को पूजने वाला
क्या सोचते हो सिर्फ तुम ही देश को चाहने वाला
पर माफ करना साहब अपको ना पता आज दिन कौनसा वाला
ये जुलूस में भारत माता का बोला वाला
अरे भई! कितनों की खबर रखें
होगा कोई सीमा में मरने वाला
या फिर होगा मैच जीतने वाला
तुम्हें खूब पढ़ी है वीरों की
ध्यान रखो अपने काम की
साहब ना बताया आपने आज के दिन का
और सच में इज्जत ना दिया सीमा पर मरने वालों का
सच मे आपको पता नहीं आज के दिन का
चुप क्यों हो फिर साहब रुक्या भूल गएरु
चलो कह देता हूं।
आज शहीद दिवस है शहीद दिवस
भगत सिंह , सुखदेव और राजगुरु का
अपने देश के प्रति प्राण देना का
इंकलब जिंदाबाद के उदघोष नारे का
आज़ादी के लिए खुशी खुशी मरने वाला का
देश के बदले भूखे सोने वाला का
हस्तें हस्तें देश के नाम फासी चड़ने वाला का
कहीं भूले तो नहीं साहब ये सबरु
भई ! तुमने तो आज दिल जीत लिया
हर भारतीय सच्चे देश भक्त है जता दिया
अनपढ़ सही देश का इतिहास दिखा दिया
मैं तो बस तुम्हे परख रहा था
देश के वीरों के नाम किसका दिल धड़कता है देख रहा था
मान गया मैं अपको
भूला नहीं भगत ,सुखदेव और राजगुरु को ।
चलो भाई चलता हूं
आप जैसे से सदा मिलू
यही कामना रखता हूं
और कोई ना भूले शहीदों को
यही प्रार्थना करता हूं।