एक अध्ययन के अनुसार बच्चों में अवसाद, व्यग्रता, उनका आवेगपूर्ण व्यवहार और खराब ज्ञानात्मक प्रदर्शन का संबंध उनकी नींद की अवधि और गुणवत्ता से है। अध्ययन के अनुसार अपर्याप्त नींद बच्चों की मस्तिष्क संरचना में बदलाव से भी जुड़ी हुई है। ब्रिटेन के वारविक विश्वविद्यालय के अनुसंधानकत्र्ताओं ने कहा कि अच्छी नींद दिमाग की नसों के संपर्क की पुर्नसरचना में मदद करती है और इसे उन बच्चों के लिए खासतौर पर महत्वपूर्ण माना जाता है जिनका दिमाग तेजी से विकसित हो रहा होता है। इस अध्ययन में अनुसंधानकत्र्ताओं ने 9 से 11 वर्ष के 11,000 बच्चों की दिमागी संरचना की जांच की और इसकी तुलना उनके नींद लेने की अवधि से जुड़े डाटा से की।
कम नींद से दिमाग के कुछ हिस्सों का आकार घट जाता
अनुसंधानकत्र्ताओं ने पाया कि जो बच्चे कम सोते हैं उनमें अवसाद, व्यग्रता, आवेगपूर्ण व्यवहार और खराब ज्ञानात्मक प्रदर्शन देखा गया। अध्ययन में देखा गया कि कम सोने वाले बच्चों के दिमाग के कुछ हिस्सों का आकार घट जाता है। ये ऐसे हिस्से हैं जो स्मरण शक्ति, सुनने की क्षमता, निर्णय लेने की क्षमता आदि से जुड़े हुए हैं। इसमें पाया गया कि पर्याप्त नींद लेना बच्चों के ज्ञान संबंधी तथा मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए बहुत जरूरी है। यह अध्ययन ‘मॉलिक्यूलर साइकाइट्री’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।