मेट्रोज में आज की सोसायटी बहुत ओपन सोसायटी बनती जा रही है। युवा पीढ़ी के रहन सहन के साथ सोच में भी भारी बदलाव आया है। सैक्स अब हश-हश अफेयर नहीं रहा। सैक्सुएल मैटर्स अब ओपनली डिस्कस होते हैं, थैंक्स टू मीडिया, इंटरनेट मोबाइल इत्यादि।
कौमार्य एक ऐसा शब्द है जिसको हमारे यहां अनुचित महत्त्व दिया जाता रहा है। इसके कारण कितनी ही निर्दोष औरतों को भी कठोर सजा भुगतनी पड़ी है। नारी उत्पीडऩ का यह भी एक टार्गेट बन गया था लेकिन नारी चेतना के सजग होने पर अब स्थिति बदल रही है। मन में पुरूषों की बराबरी का जज्बा जागने से वो ये मानकर चलने लगीं कि जब युवक विवाहपूर्ण सैक्स का अनुभव ले चुके होते हैं तो उसी से वर्जिनिटी की अपेक्षा क्यों की जाए ? यह कोई क्राइम नहीं है जिसके लिए उसे दंडित किया जाए।
सेलिना नई पीढ़ी की आधुनिक युवती है। उसका कहना है कि मैं ऐसे ही युवक से शादी करूंगी जिसे मेरी पिछली जिंदगी से कोई वास्ता न हो, जो ब्र्रॉडमांइडेड हो, वर्तमान में जीता हो, वर्जिनिटी को लेकर जिसके संकुचित ख्यालात न हों।
लेकिन सिद्धार्थ की सोच बिलकुल अलग है। देर रात तक नाइट क्लबों में डांस एंड ड्रिंक पार्टी अटैंड करने, नित नई गर्लफ्रैंड्स के साथ हमबिस्तर होने का आदी होने के बावजूद भावी पत्नी को लेकर उसके विचार परंपरावादी ही हैं। पत्नी उसे वर्जिन ही चाहिए।
परंपरावादी अभिभावक आज के दौर में भी विवाहपूर्ण लड़की के कौमार्य भंग होने को गुनाह ही मानते हैं। उनकी नसीहतें कि कौमार्य पर केवल पति का हक है, लड़कियों को विवाहपूर्ण दैहिक रिश्ते कायम नहीं करने चाहिए, आज के दौर में बेटियों पर कामयाब नहीं हो रही हैं। कारण अनेक हैं।
मीडिया एक्सपोजर तो है ही, इसके अलावा लड़कियों का ज्यादा से ज्यादा बाहर रहना भी इसका कारण है। पढ़ाई, कैरियर को लेकर वे जब घर से बाहर रहती हैं। अपोजिट सैक्स के क्लोज कांटेक्ट में आती हैं।
कॉलसेंटर, कॉर्पोरेट जगत, वर्किंग प्लेसेज के युवक युवतियां एक साथ लेट नाइट काम कर रहे होते हैं। वहां फॉर फन का मंत्र जपते या वर्क टेंशन के एंटीडोट को खोजते हुए वे सेक्स में उतर जाती हैं।
अपोजिट सैक्स के रिश्तों में आए खुलेपन, डेटिंग कल्चर, कुछ नये की खोज और वर्जनाओं को तोडऩे के आनंद को लेकर अब उनमें आपस में सेक्सुअल रिलेशन बनाने के प्रति परहेज नहीं रहा।
कई आधुनिक युवतियों का मानना है कि जब पति पर विवाह पूर्व वर्जिनिटी का सवाल नहीं उठाया जाता तो पत्नी पर ही यह सवाल क्यों उठाया जाए।
दरअसल यह युवतियों की पर्सनल सोच है। कई युवतियां जहां वर्जिनिटी को जरा भी महत्त्व नहीं देती, कई युवतियां कौमार्य को पवित्र मानते हुए विवाहपूर्ण इसे खोना गुनाह व अनैतिक समझती हैं।
कई युवतियां जो विवाहपूर्ण शारीरिक संबंध बना चुकी होती हैं, इस बात को लेकर भयभीत रहती हैं कि पति को इस बारे में पता चलने पर कहीं उनकी शादी ही न टूट जाए, इसीलिए कई हाइमनोप्लास्टी सर्जरी करवा लेती हैं हालांकि, ये अभी बहुत कॉमन नहीं है।
सेक्सोलॉजिस्ट डा? प्रकाश कोठारी के अनुसार युवतियों में यह बहुत बड़ा मिथक है कि पति को संबंध बनाने के दौरान पत्नी के पूर्व सैक्स संबंधों के बारे में मालूम चल सकता है। कोई भी पुरूष नहीं बता सकता कि किसी लड़की का कौमार्य भंग हो चुका है। बाद में पछतावा करने से क्या यह अच्छा नहीं है कि पहले ही सोच समझकर प्यार में कदम रखें।
अक्सर यह होता है कि शारीरिक संबंध बनाने के बाद लड़कों का धीरे-धीरे लड़की में इंटरेस्ट खत्म होने लगता है और वो उसे लूज करेक्टर समझने लगता है। प्रेग्नेंसी होने पर कई बार पल्ला झाड़ लेता है। इसलिए अत्याधुनिक बनने के फेर में अपनी वर्जिनिटी न गंवायें। इससे कई बार आप खुद अपनी ही नजरों में कमतर हो जाते हैं।
लड़का हो या लड़की, उसे अपने भावी जीवनसाथी के लिए बचा कर रखें। यह प्यार को मजबूती प्रदान करने के साथ साथी से वफादारी का अहसास भी देगा।
उषा जैन शीरीं