नम, खारी और दर्द से भरी इरफान की वो आंखें, एक तस्वीर की कहानी

फोटोग्राफर में हमेशा एक व्याकुलता होती है. व्याकुलता कि वो लीक से हटकर कुछ अलग तस्वीरें आपको दिखाए और आपकी चेतना के सरोवर को कोलाहल से, लहरों से, उत्क्षेप से भर दे. यह व्याकुलता और इसपर इरफ़ान जैसा एक्टर. मुझे कुछ स्मरणीय होने का अंदेशा था.

इरफान की एक्टिंग में एक अजब सी ऊर्जा और आक्रामकता थी. एक तेज़ी थी, पैनापन था. वह हर किरदार को पर्दे पर जीवंत कर देते थे. एकदम सहज स्वाभाविक. ऐसा महसूस होता था कि ये जो एक्टर विश्वस्तर पर छा रहा है, अपने आसपास का ही कोई है, हममें से एक है.

उनकी तस्वीरों में एक चमक है. बंद होठों से बोलता हुआ चेहरा और आपके अंदर तक झांकती आंखें. अगर आप एक फोटोग्राफर हैं, उन्हें शूट कर रहे हैं और उनकी बड़ी-बड़ी, ऊर्जा से लबरेज आंखों को अपने कैमरे में कैद नहीं किया तो वह ऐसा ही है जैसे एक अद्भुत सूर्यास्त में सूरज का तस्वीर में न होना.

प्रकाशित तारीख : 2020-05-07 09:29:28

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