लॉकडाउन के चरणबद्ध तरीके से खुलने की तैयारी तो होने लगी है लेकिन सबकुछ ठीक रहा तो भी आधे से ज्यादा देश संभवत: प्रतिबंध में ही रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा में जहां अधिकतर राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी कोरोना संक्रमण को देखते हुए लाकडाउन बढ़ाने की बात कही। वहीं प्रधानमंत्री ने कोरोना के साथ जंग की तैयारी दुरुस्त रखते हुए अर्थव्यवस्था का पहिया चलाने का संकेत भी दिया और राज्यों से अपने यहां इसका फार्मूला तैयार करने को भी कहा।
सबकुछ ठीक रहा तो भी आधा देश ही खुल पाएगा
उन्होंने परोक्ष रूप से चीन से भाग रही कंपनियों का हवाला देते हुए कहा कि संकट के इस काल को अवसर में बदला जा सकता है। इसकी तैयारी की जानी चाहिए। हालांकि इसके बावजूद यह मानकर चलना चाहिए कि सबकुछ ठीक रहा तो भी आधा देश ही खुल पाएगा। दरअसल यह छूट केवल उन्हीं जिलों में मिलेगी जो कोरोना से मुक्त हैं। औद्योगिक उत्पादन के साथ साथ ई मार्केटिंग को छूट मिलेगी। यह छूट केवल आवश्यक वस्तु तक सीमित नहीं रहेगी। लेकिन हवाई सेवा और रेल सेवा के साथ साथ कोरोना रेड जोन एरिया, माल और सिनेमाघर भी बंद रहेंगे। स्कूल -कालेज को खैर लंबे वक्त तक बंद रहेंगे। आखिरी निर्णय अंतिम दिन तक के नतीजों के बाद ही होगा।