हाल ही में आयोजित तिब्बती किसानों और चरवाहों तक कृषि तकनीशियनों की डिलीवरी सेवाएं सभा में प्राप्त खबर है कि इस वर्ष कई हजार कृषि तकनीशियन ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों और चरवाहों को तकनीकी सेवाएं प्रदान करने जाएंगे। ये तकनीशियन काउंटी नगर में रहेंगे और प्रति वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों में कम से कम सौ दिनों तक सेवा करते रहेंगे।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के कृषि कार्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कृषि कार्य विभाग, कृषि विज्ञान अकादमी तथा तिब्बत कृषि और पशुपालन संस्थान के कुल दो हजार छह सौ से अधिक कृषि तकनीशियन भी इस अभियान में भाग लेंगे। इस साल तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में कृषि और पशुपालन के विकास के सामने अनेक चुनौतियां नजर आ रही हैं। तकनीकी शक्तियों के माध्यम से कृषि और पशुपालन के विकास तथा किसानों और चरवाहों की आय वृद्धि को बढ़ाने की बड़ी आवश्यकता है। प्रदेश के ये 2600 से अधिक तकनीशियन मुख्य तौर पर तिब्बती जौ, याक, पशुपालन, दूध, ब्जियां और चारा घास आदि उद्योंगों के विकास में किसानों व चरवाहों को सेवा प्रदान करेंगे। साथ ही वे किसानों और चरवाहों के लिए तकनीकी प्रशिक्षण का आयोजन भी करेंगे।
इधर के वर्षों में तिब्बत में बुनियादी कृषि तकनीकी सेवा की व्यवस्था कायम की गयी है। कृषि उत्पादन में तकनीक की योगदान दर 51 प्रतिशत तक जा पहुंची है। अभी तक प्रदेश में कुल 875 कृषि तकनीक प्रसार संस्थाएं स्थापित हैं जिन में कुल 8843 कर्मचारी कार्यरत हैं। प्रदेश के तहत कृषि विज्ञान अकादमी ने अनेक क्षेत्रीय कृषि तकनीक आदर्श अड्डे स्थापित किये हैं। जो भिन्न भिन्न तरीकों से किसानों और चरवाहों के लिए तकनीकी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। मिसाल के तौर पर न्यिंग-ची क्षेत्र के बाच्यूंग गांव में एक पारंपरिक दवा सहकारी स्थापित है। जहां विशेष रूप से गैस्ट्रोडिया और गानोडर्मा आदि चीनी पारंपरिक जड़ी बूटियों का रोपण किया जाता है।