सोशल मीडिया पोस्ट्स के लिए तुर्की ने सैकड़ों लोगों को गिरफ़्तार कर लिया है. रूस फ़ेक न्यूज़ के तौर पर मानी जाने वाली किसी भी चीज़ के लिए लोगों को जेल भेजने की धमकी दे रहा है. पोलैंड में लोकतंत्र कमज़ोर पड़ता नज़र आ रहा है और हंगरी में इसकी हालत ख़स्ता हो गई है.
बीबीसी संवाददाताओं ने इन हालात का आकलन किया है और यह अंदाज़ा लगाने की कोशिश की है कि क्या सरकारें कोरोना वायरस का फ़ायदा सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत करने में कर रही हैं.
हंगरी के ताक़तवर प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बान पर देश-विदेश में आरोप लग रहे हैं कि वह संकट के इस वक़्त में देश को एकजुट करने की बजाय कोरोना वायरस का इस्तेमाल ज़्यादा से ज़्यादा शक्तियां अपने हाथ में लेने के लिए कर रहे हैं.
11 मार्च को ओर्बान की फिडेज़ सरकार (हंगेरियन सिविक अलायंस- हंगरी की राष्ट्रवादी-रूढ़िवादी, दक्षिणपंथी पार्टी) ने ख़तरे के हालात का ऐलान कर दिया. इस तरह से सरकार को इस महामारी से निपटने के लिए अहम वक़्त मिल गया.
लेकिन, बाद में सरकार ने संसद में अपने बहुमत का इस्तेमाल अपनी सरकार को असीमित वक़्त के लिए बनाए रखने के लिए किया. ऐसे में ओर्बान को अब ताक़त मिल गई है कि वह जब तक चाहें तब तक डिक्री (न्यायिक आदेशों) के ज़रिए शासन कर सकते हैं. यह ओर्बान के विवेक पर होगा कि वह कब यह मानते हैं कि ख़तरा अब ख़त्म हो गया है.