अफगानिस्तान में तालिबान राज की वापसी के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इसके विरोध में अफगानिस्तान के साथ हुए सभी हथियार सौदों को रद्द कर दिया है।
15 अगस्त को अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के साथ ही 20 साल बाद देश में फिर आतंक का शासन शुरू हो गया है। अफगानिस्तान पर कब्जा करते ही तालिबान ने जुबानी तौर पर तो देश और जनता हित के लिए कई ऐलान किए, लेकिन सच्चाई किसी से छिपी नहीं है।
अफगानिस्तान संकट के बीच अमेरिका की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इसमें बाइडन प्रशासन ने अफगान सरकार के साथ हुए सभी हथियारों के सौदों को फिलहाल रद्द कर दिया है। ऐसा तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद किया गया है। अमेरिकी सरकार ने हथियार बनाने वालों को इसके संबंध में नोटिस भी भेज दिया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने एक इंटरव्यू में कहा है कि तालिबान बदला नहीं है, फिलहाल वह अस्तित्व के संकट का सामना कर रहा है। वह वैश्विक मंच पर वैधता चाहता है। तालिबान द्वारा महिलाओं संग कैसा सलूक किया जाएगा, इसको लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं। इस पर बाइडेन ने कहा कि यह जरूरी नहीं कि महिलाओं के अधिकारों की रक्षा मिलिट्री फोर्स से ही हो। यह राजनयिक और अंतरराष्ट्रीय दबाव से की जा सकती है।