अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का नतीजा आ चुका है। डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन को इस चुनाव में जीत हासिल हुई है। वहीं, चुनाव हारने के बाद डोनाल्ड ट्रंप को देखकर ऐसा नहीं लग रहा है कि वह शिष्टाचारपूर्वक राष्ट्रपति कार्यालय छोड़कर जाएंगे। विशेषज्ञों और पूर्व अधिकारियों का कहना है कि ट्रंप बाइडन के हाथ बांधने के लिए अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में कुछ विघटनकारी कदम उठा सकते हैं। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में मार्क मैग्नियर ने लिखा कि विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के निशाने पर चीन हो सकता है। गौरतलब है कि कोरोना महामारी और अमेरिका की अर्थव्यवस्था को लेकर ट्रंप ने लगातार चीन पर हमला बोला है।
चाइना मून स्ट्रैटेजीज के प्रमुख और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पूर्व अधिकारी जेफ मून ने कहा, ट्रंप ने वादा किया है कि वह कोविड-19 को लेकर चीन को दंड देंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि इसका मतलब क्या है। मार्क मैग्नियर लिखते हैं कि पहले से ही कमजोर अमेरिका-चीन संबंधों को खराब करने और वैश्विक पर्यावरण और स्वास्थ्य मुद्दों पर द्विपक्षीय सहयोग में सुधार करने के लिए बाइडन प्रशासन के कदम को कमजोर करना एक तरीका हो सकता है। इसके लिए ताइवान को शामिल किया जा सकता है। ङ्क्षझजियांग में उइगुर मुस्लिमों पर बड़े पैमाने पर किए गए अत्याचार को लेकर ट्रंप पहले ही चीन की आलोचना कर चुके हैं। लेकिन इस बार वह इससे आगे बढ़ते हुए कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों का वीजा ब्लॉक करने का प्रयास कर सकते हैं। माना जा रहा है कि वह बीजिंग में होने वाले 2022 शीतकालीन ओलंपिक में भाग लेने वाले अमेरिकी एथलीटों को रोकने के लिए आदेश पारित कर सकते हैं।