अमेरिका में रह रही 20 साल की हादिया एसाज़ादा ने बीबीसी फ़ारसी को रोते हुए बताया कि कैसे तालिबान उनके घर पर क़हर बरपा चुका है. उन्होंने बताया कि 90 के दशक में सबसे पहले तो उनके पिता की पिटाई की गई और फिर उनके छोटे भाई को मार दिया गया.
उन्होंने कहा कि जब पहली बार वे हमारे घर पर आए थे तो उन्होंने मेरे पिता को लोहे की छड़ से मारा था. ऐसा इसलिए कि वे उनके बड़े भाई को खोज रहे थे जिन्होंने 90 के दशक में तालिबानी शासन के विरोध के लिए लड़ाई में भाग लिया था.
हादिया ने बताया, ''उस घटना के बाद हमलोग मज़ार-ए-शरीफ़ के अपने घर से भाग गए थे, लेकिन उसके छह महीने बाद जब हमलोग अपने घर लौटे, तो तालिबान के लोग एक बार फिर हमारे घर आए. उस बार वे मेरे छोटे भाई को लेकर चले गए.''