भाजपा के 12 विधायकों के निलंबन को लेकर राज्य में गरमाई सियासत के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विपक्ष पर जोरदार निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक जवाबदार विपक्ष की भूमिका निभाने में वे विफल साबित हुए हैं।
सोमवार से शुरू विधानमंडल के मानसून सत्र के समापन के बाद मंगलवार को सीएम ठाकरे ने मीडिया को संबोधित किया,जिसमें बोलते हुए उन्होंने यह बात कही।
सोमवार को सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्ष के सदस्यों द्वारा तालिका अध्यक्ष के साथ किए गए दुर्व्यवहार की निंदा करते हुए ठाकरे ने कहा कि राज्य के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनता के हित के लिए काम करती है, विपक्ष के लिए नहीं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्यों का यह बर्ताव लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।
सीएम ठाकरे ने कहा कि सोमवार को जो सदन में हुआ, लेकिन मंगलवार को सदस्यों के निलंबन के विरोध में विधानसभा के परिसर में विपक्षी दल के सदस्यों ने जो किया वो राज्य की परम्परा नहीं है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार का विरोध और उसकी निंदा करना विपक्ष का अधिकार है, लेकिन लोकत्रंत के मंदिर सदन में इस तरह का विरोध करना ठीक नहीं हैं। किसी मुद्दों को लेकर विपक्ष सड़क पर उतरकर सरकार का विरोध कर सकता है, लेकिन सदन में ऐसा करना राज्य की परम्परा नहीं है।
भाजपा और शिवसेना की दोबारा युति नहीं
बीते कई दिनों से भाजपा और शिवसेना की दोबारा युति की चल रही चर्चा पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जबाव में कहा कि भाजपा के साथ 30 साल शिवसेना की युति थी, इस दौरान क्या मिला। मुंबई सहित अन्य जिलों में फर्जी टीकाकरण पर बोलते हुए सीएम ठाकरे ने कहा कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ओबीसी समाज के आरक्षण मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मराठा और ओबीसी समाज को आरक्षण मिले सरकार इसको लेकर संवेदनशील है जिसके तहत राज्य को इंपीरिकल डेटा उपलब्ध कराने के लिए केंद्र से मांग को लेकर दोनों सदनों में प्रस्ताव पास किया गया है।
सदन में विपक्ष नेता फड़नवीस द्वारा डेटा में त्रुटियाें की दी गई जानकारी उन्हें कहा से मिली इसका खुलासा होना चाहिए।