भारतीय टीम के लिए पहली बार चुने गये सलामी बल्लेबाज ऋतुराज गायकवाड ने शुक्रवार को कहा कि वह श्रीलंका के आगामी दौरे पर परिस्थितियों से जल्दी सामांजस्य बिठाने की अपनी क्षमता पर भरोसा जताएंगे। गायकवाड ने यहां अभ्यास सत्र के बाद कहा, ‘मैं काफी खुश हूं। जिस क्षण से मुझे इसके बारे में पता चला, मेरी आंखों के सामने अपने कैरियर की यात्रा आ गयी कि मैंने कहा से अपना सफर शुरू किया था और मैं कहां पहुंचना चाहता हूं। अभी भावनाओं से भरा हुआ हूं।’ उन्होंने कहा, ‘आप उन लोगों के बारे में सोचते हैं जिन्होंने पूरी यात्रा में आपका साथ दिया है, चाहे वह मेरे माता-पिता हों, दोस्त हों या कोच। तो जाहिर तौर पर सभी के लिए गर्व की अनुभूति और सभी के लिए खुशी की बात है।’ दाएं हाथ के बल्लेबाज का 59 लिस्ट ए मैचों में 47 से अधिक का औसत है और टी-20 प्रारूप में उनका स्ट्राइक रेट 130 से अधिक है। गायकवाड को लगता है कि खेल में किसी भी स्थिति में ढलना उनकी ‘मूल ताकत’ है। उन्होंने कहा, ‘मेरी ताकत टीम के जरूरत के मुताबिक खेलना है, चाहे वह आक्रामक तरीके से हो या स्थिति के अनुसार। कई बार यह सुनिश्चित करना होता है कि टीम मुश्किल परिस्थिति से बाहर निकले। मैं आक्रामक और रक्षात्मक दोनों स्थितियों के अनुकूल हूं, यही मुझे लगता है कि यह मेरी ताकत है।’
उन्होंने कहा, ‘इस दौरे पर सीमित अवसर मिलेगा लेकिन मैं इस यात्रा से जितना हो सके सीखने की उम्मीद कर रहा हूं। टीम में अनुभवी खिलाड़ी हैं और जाहिर है एक बार फिर मुझे राहुल सर के साथ जुड़ने का मौका मिलेगा।’ उन्होंने कहा कि ‘भारत ए’ का आखिरी दौरा लगभग डेढ साल पहले हुआ था, ऐसे में एक बार फिर से उनके (राहुल द्रविड) मिलने और बात करने का मौका मिलेगा।
इसलिए यह प्रदर्शन और स्कोरकार्ड के आंकड़ों से काफी अधिक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जाहिर है अगर मुझे मौका मिलता है, तो उम्मीद है कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकूं और भारत के लिए मैच जीत सकूं। मेरा सबसे बड़ा लक्ष्य भारतीय टीम या अपने देश के लिए जीत हासिल करना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ माही भाई के साथ की बात करू तो, जाहिर तौर पर वह जो कुछ भी बोलते हैं, वह हमेशा अनुसरण करने लायक होता है। मैंने सुना था कि उन्होंने मैच के बाद की प्रस्तुति में मेरे बारे में बात की थी। मैं उनके साथ ज्यादा बात नहीं करता, उन्हें पता है कि मैं शांत और शर्मीला खिलाड़ी हूं।’’