इंग्लैंड के खिलाफ दिन-रात्रि टेस्ट के दो दिन के अंदर खत्म होने के बाद मोटेरा की पिच को भले ही आलोचनाओं का सामना करना पड़ा हो, लेकिन इसे खेल की संचालन संस्था अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से गंभीर सजा मिलने की संभावना नहीं है। अंतिम टेस्ट की पिच बल्लेबाजी के अनुकूल होने की संभावना है। भारत चार टेस्ट की सीरीज में 2-1 से आगे चल रहा है और जून (18-22) में लॉर्ड्स में होने वाले आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में क्वालिफाई करने के लिए उसे अंतिम टेस्ट को सिर्फ ड्रॉ कराना होगा। एक और स्पिन की अनुकूल पिच की संभावना कम है, क्योंकि घरेलू टीम पिच को लेकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती। भारतीय टीम 3-1 के फैसले से खुश होगी, लेकिन उसे नतीजा देने वाली टर्निंग पिच की जरूरत नहीं है। फिर टीम प्रबंधन यह भी नहीं चाहता कि ऐसी पिच बनाई जाए जो उन पर भारी पड़ जाए। तीसरे टेस्ट में गेंद गुलाबी थी जो पिच पर पड़ने के बाद तेजी से निकल रही थी और बल्लेबाजों ने विकेट सीधी गेंदों पर भी गंवाए हैं। इंग्लैंड के कई पूर्व क्रिकेटर भी यह बात कह चुके हैं। मामले की जानकारी रखने वाले भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘अच्छी पिच की उम्मीद है जो ठोस रहेगी और समान उछाल मिलेगा। यह बल्लेबाजी के अनुकूल होगी और यह पारंपरिक लाल गेंद का टेस्ट मैच होगा, इसलिए यहां चार से आठ मार्च तक होने वाले मुकाबले में काफी बड़े स्कोर की उम्मीद की जा सकती है।’
नए स्थल पर एक और टर्निंग पिच सही नहीं
बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों के साथ टीम प्रबंधन भी समझता है कि धूल से भरी एक और पिच नए स्थल के लिए अच्छी नहीं होगी, जिसके आईपीएल और आईसीसी टी-20 विश्व कप के दौरान कई महत्वपूर्ण मैचों की मेजबानी करने की संभावना है। बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, ‘अगर एक ही स्थल पर दो मैच होते हैं तो आप एक नतीजे को अलग नहीं कर सकते। अंतिम टेस्ट होने दीजिए और इसके बाद ही मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ की रिपोर्ट के आधार पर आईसीसी अपनी कार्रवाई को लेकर फैसला करेगा। साथ ही अब तक इंग्लैंड की टीम ने भी कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है।’अगर एक ही स्थल पर एक अच्छी और एक खराब पिच होती है तो आईसीसी के कार्रवाई करने की संभावना नहीं है।