महिला किसान से सीखिए आधुनिक खेती, विदेशों तक भेजती हैं टमाटर

गाँव कनेक्शन

नई दिल्‍ली

पहले जिस खेत से लागत भी निकालना मुश्किल हो जाता था, उसी खेत में टमाटर की फसल उगाकर महिला किसान कनकलता विदेश भी भेज रहीं हैं, लेकिन यह सब इतना आसान नहीं था। कनकलता (52 वर्ष), उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर सीखड़ ब्लॉक में गंगा किनारे बसे विट्ठलपुर गाँव में खेती करती हैं। इनके खेत के टमाटर की मांग यूके और ओमान जैसे देशों तक होने लगी है। खेती की शुरूआत के बारे में गाँव कनेक्शन से कनक लता बताती हैं, "पहले पारंपरिक पुराने तरीकों से खेती करती थी, जिसमें लागत निकलना भी मुश्किल हो जाता था। लेकिन एक बार जब नाबार्ड और कृषि विभाग के कैंप में गईं तो अच्छा लगा, इसके बाद भी कई बार ऐसे कैंप में जाती रही। बस वहीं से खेती करने की पुराने तरीको को छोड़ दिया। तब से आधुनिक तरीके से खेती करने लगी।"

वो आगे कहती हैं, "पहले डेढ़ बीघा खेत में मटर और देसी किस्म का टमाटर लगाती थी, जिससे अच्छी पैदावार भी नहीं मिलती थी। लेकिन जब से आधुनिक तकनीक से जैविक खाद डालकर चढ़ाव विधि से टमाटर की खेती कर रही हूं तो बहुत कम लागत में बहुत अच्छी पैदावार हो रही है। हर दिन एक से डेढ़ क्विंटल टमाटर निकल रहा है।" उन्होंने पहली बार साठ हजार रुपए की लागत से ड्रिप इरीगेशन और मल्चिंग लगाकर डेढ़ बीघा खेत में जैविक खाद की मदद से चढ़ाव विधि से दुर्ग प्रजाति के टमाटर की खेती की है। दिन रात कड़ी मेहनत के बाद कनकलता की मेहनत से पैदा किए गए लाल टमाटर का लंदन और ओमान में मांग होने लगी है। विदेश में टमाटर भेजे जाने के बारे में कनकलता बताती हैं, "लंदन और ओमान में सौ किलो के करीब टमाटर सैंपल के लिए भेजा था, अब वहां से ऑर्डर आने लगे हैं। वहां से हर हफ्ते प्रति हफ्ते 10 से 15 क्विंटल टमाटर की मांग की जा रही है। इसलिए विदेश में हमारे खेत का दुर्ग प्रजाति टमाटर की खेप पहुंचना शुरू हो गई है।" कनकलता कहती हैं कि अगर इस बार टमाटर की खेती से अच्छा मुनाफा हुआ तो आगे भी टमाटर की खेती करती रहेंगी। अभी हर दिन एक से डेढ़ क्विंटल टमाटर निकल रहा है। इसके अलावा यह टमाटर घरेलू मंडियों में तेजी से बिक रहा है। यह नए प्रजाति का है, इसलिए लोग इसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं।

प्रकाशित तारीख : 2021-02-26 10:14:00

प्रतिकृया दिनुहोस्