महाराष्ट्र में उस्मानाबाद जिले के किसान हीरालाल मारुति ढगे दो दिन से सदमे में हैं। 18-19 फरवरी की रात को हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि से उनका एक एकड़ का तैयार अंगूर का बाग गिर गया और 3 एकड़ में ज्वार और चने की फसल भी बर्बद हो गई है। हीरालाल मारुति ढगे गांव कनेक्शन को फोन पर बताते हैं, "अगले महीने हमारा अंगूर कट जाता। हमें उम्मीद थी कम से कम 10 लाख रुपए का माल (अंगूर) था, लेकिन अब इस बार की फसल तो गई ही दोबारा बाग लगाने के लिए भी 6 से 8 लाख रुपए चाहिए।
साहब मेरा बहुत नुकसान हो गया। मेरे गांव में करीब 350 एकड़ अंगूर के बाग हैं। किसी का बाग गिरा है तो किसी का झारपट्टी (ओलावृष्टि) से अंगूर फट गया।" हीरालाल, मुंबई से करीब 400 किलोमीटर दूर मराठवाड़ा में उस्मानाबाद जिले की तालुका भूम के चिंतपुर ढगे गांव में रहते हैं। बिगड़े मौसम के चलते महाराष्ट्र के नासिक, कोल्हापुर, नागपुर, वाशी, औरंगाबाद, गढ़चिरौली, सतारा, भंडारा, बुंदलाना और रत्नागिरी समेत कई जिलों में 18-19 फरवरी को बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई है, जिसमें रबी की फसलों में फसलों गेहूं, चना ज्वार के अलावा फल और सब्जियों की खेती में सबसे ज्यादा नुकसान अंगूर का हुआ है। महाराष्ट्र में नासिक, सतारा, सांगली, पुणे और उम्मानाबाद में अंगूर की बड़े पैमाने पर खेती होती है और ज्यादातर जिलों में नुकसान की खबर है।
भूम तालुका से करीब 200 किलोमीटर दूर मराठावाड़ा में औरंगाबाद में पारंडु गांव के किसान जाकिर जमीरुद्दीन शेख के मौसम्बी की बाग को भी नुकसान हुआ है। जाकिर बताते हैं, "बारिश तेज थी और करीब 2 घंटे तक ओले गिरे जिससे गेहूं चने और मौसम्बी को नुकसान हुआ है। मौसम्बी में दिसंबर-जनवरी में फल आए थे जो जून-जुलाई में कटते, अभी वो 20 से 50 ग्राम का ही फल तो या जो गिर गया या फिर उसमें पत्थर (ओले) से चोट लग गई है। पूरे साल का नुकसान हो गया है।"