आर. पी. शर्मा
वैलेंटाइन प्यार का एक दिन है या एक दिन का प्यार
नौजवानों के लिए है प्यार का एक त्योहार
प्यार करने वाले कसमें खाते हैं हजार
दिमाग पर चढ़कर बोलता है प्यार का खुमार
एक रोज हम पर भी प्यार का भूत हुआ था सवार
पिताजी ने अपने जूते से उतारा था बुखार
पर हमने भी हार नहीं मानी
बल्कि एक बात मन में ठानी
कि अपना भी बनाएंगे एक वैलेंटाइन
तब होगा चारों ओर फाइन ही फाइन
इरादों में तो बड़ा दम था
पर चांस बड़ा कम था