भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज में पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए जीत हासिल की। नियमित कप्तान विराट कोहली की गैरमौजूदगी में टीम की कप्तानी करते हुए अजिंक्य रहाणे ने सीरीज पर 2-1 से कब्जा जमाते हुए बॉर्डर- गावस्कर ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। रहाणे ने बताया कि ब्रिसबेन में खेले गए आखिरी मुकाबले में स्पिनर कुलदीप यादव की जगह वॉशिंग्टन सुंदर को क्यों चुना गया।
सिडनी टेस्ट मैच ड्रॉ कराने के बाद भारत 1-1 की बराबरी के साथ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिसबेन में उतरा था। रविंद्र जडेजा और आर अश्विन के चोटिल होने की वजह से सुंदर को टेस्ट डेब्यू करने का मौका मिला। स्पिनर के तौर पर कुलदीप के टीम में मौजूद रहने के बाद भी उनको खेलना का मौका नहीं दिए जाने पर रहाणे ने अपना बात रखी।
रहाणे ने कहा, "यह बहुत ही ज्यादा मुश्किल फैसला था क्योंकि कुलदीप यादव बतौर स्पिनर टीम में मौजूद थे और खेलने के हकदार भी थे। लेकिन हमने उस टेस्ट मैच के लिए अपने टीम के सबसे बेहतरीन कॉम्बिनेशन पर ध्यान दिया। वॉशिग्टन सुंदर को उनकी बल्लेबाजी की वजह से प्लेइंग इलेवन में जगह दी गई। मैं पांच गेंदबाज के साथ खेलने की सोच रहा था और वह हमें यह विकल्प को भी दे रहे थे। हम इस बात को जानते थे कि वह एक अच्छे बल्लेबाज हैं और उन्होंने इसको साबित भी किया।"
"क्योंकि मुझे पता है कैसा महसूस होता है। मैं इसी तरह की स्थिति में इससे पहले भी था। टेस्ट डेब्यू करने से पहले दो साल तक मैं प्लेइंग इलेवन से बाहर रहा। मैं तो मानता हूं कि हर एक टीम का सदस्य आपके लिए टेस्ट मैच जीतने में सक्षम है और आपको उन सभी का साथ देना चाहिए।"
कुलदीप के बारे में रहाणे ने कहा, "मुझे पता है कि कुलदीप की भूमिका हमारी टीम में बहुत ही अहम है और वह भविष्य में होने वाले मुकाबलों में काफी बड़ी भूमिका अदा करने वाले हैं। मेरे लिए तो खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाना और उनके विश्वास को बढ़ाना सबसे ज्यादा जरूरी होता है।"