देश को आजादी मिलने के बाद भारत के लोगों ने लोकतांत्रिक तरीके से अपने राष्ट्र के पुनर्निर्माण, बदलाव और विकास का निर्णय लिया था। इस क्रम में हमारे राष्ट्र निर्माताओं द्वारा 26 नवंबर, 1949 को भारतीय संविधान को अंगीकृत किया जाना लोकतंत्र की दिशा में मील का पत्थर था, तो 26 जनवरी, 1950 को संविधान का लागू होना वह ऐतिहासिक क्षण था, जिसने एक नए दृष्टिकोण के साथ भारत के निर्माण की नींव रखी। भारत का संविधान नियमों की पुस्तक मात्र नहीं है, बल्कि यह भारत के नागरिकों के लिए एक प्रगतिशील, कल्याणकारी एवं समतामूलक राष्ट्र के निर्माण का ब्लू प्रिंट है।
यह हमारे स्वतंत्रता संग्राम के महान राजनेताओं एवं संविधान निर्माता मनीषियों के विचारों और दर्शन पर आधारित वह पवित्र ग्रंथ है, जो हमारी हजारों वर्ष पुरानी सभ्यता एवं संस्कृति को आधार बनाकर हमारे देश को पुन: विश्व गुरु बनाने की आकांक्षा को मूर्त रूप देने का प्रयास करता है।