ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिसबेन टेस्ट में मुश्किल में घिरी भारतीय टीम अब मजबूत स्थिति में नजर आ रही है। टीम ने महज 186 रन पर चौथे दिन 6 विकेट गंवा दिए थे लेकिन शार्दुल ठाकुर और वॉशिंग्टन सुंदर ने शतकीय साझेदारी कर भारत को बचाया। ऑस्ट्रेलिया की टीम के बड़ी बढ़त हासिल करने पर दोनों बल्लेबाजों ने अर्धशतक जमाकर पानी फेर दिया। सुंदर ने एक ऐसा कमाल किया जो आज से पहले कभी ऑस्ट्रेलिया की धरती पर नहीं हुआ था।
ब्रिसबेन में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार मैचों की सीरीज का निर्णायक टेस्ट खेला जा रहा है। इस मुकाबले में चौथे दिन पहले सेशन में मेजबान ऑस्ट्रेलिया मजबूत स्थिति में नजर आ रही थी लेकिन दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने दमदार वापसी की। भारत ने पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया के बनाए 369 रन के जवाब में 336 रन का स्कोर बनाया। पहली पारी में 33 रन के बढ़त हासिल करने वाले ऑस्ट्रेलिया के पास चौथे दिन 54 रन की कुल बढ़त थी।
ऑस्ट्रेलिया में पहली बार हुआ ऐसा
ऑस्ट्रेलिया में पहली बार किसी टेस्ट में ऐसा हुआ है जब दो खिलाड़ियों ने तीन विकेट चटकाने के साथ अर्धशतकीय पारी भी खेली है। ब्रिसबेन में अपने करियर का पहला टेस्ट मैच खेलने उतरे वॉशिंग्टन सुंदर ने गेंदबाजी करते हुए विकेट विकेट चटकाए और फिर धमाकेदार बल्लेबाजी करते हुए भारत को मुश्किल से निकाला। सुंदर 3 विकेट हासिल करने के साथ 62 रन बनाए।
वहीं करियर का महज दूसरा टेस्ट खेल रहे शार्दुल ने पहली पारी में 3 विकेट हासिल करने से बाद 67 रन की पारी खेली। यह भारत की तरफ से पहली पारी में खेली गई सबसे बड़ी पारी रही। दोनों बल्लेबाजों ने 7वें विकेट के लिए 123 रन की साझेदारी निभाई और 1991 में कपिल देव की मनोज प्रभाकर से साथ निभाई 58 रन के रिकॉर्ड को अपने नाम किया।