हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक किताब का हवाला देते हुए माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा था कि पं. नेहरू अपने मंत्रिमंडल में सरदार पटेल को नहीं शामिल करना चाहते थे। उनके इस ट्वीट पर इतिहासकार रामचंद्र गुहा से उनकी नोंक झोंक भी हुई।
खास बात यह है कि देश के विदेश सचिव रहे एस. जयशंकर जैसे जेएनयू प्रोडक्ट गलतबयानी पर आश्चर्य व्यक्त किया जा सकता है।
रामचंद्र गुहा ने लिखा कि यह एक मिथक है, जिसे प्रोफेसर श्रीनाथ राघवन झूठा साबित कर चुके हैं।