हनुमा विहारी ने 161 गेंदों पर नाबाद 23 रन बनाये, लेकिन उनके साथी रविचंद्रन अश्विन ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट मैच ड्रा कराने में अहम भूमिका निभाने वाली उनकी इस पारी की तुलना एक बेहतरीन शतक से की। अश्विन ने भी 128 गेंदों पर नाबाद 39 रन बनाये। इन दोनों ने मिलकर पांचवें दिन अंतिम सत्र में विकेट नहीं गिरने दिया और ऑस्ट्रेलिया की जीत की उम्मीदों पर पानी फेरा। पारी के शुरू में ही विहारी के पांव की मांसपेशियों में खिंचाव आ गया था और उन्हें विकेटों के बीच दौड़ने में दिक्कत हो रही थी।
अश्विन ने कहा, ‘(चेतेश्वर) पुजारा और (ऋषभ) पंत के विकेट गंवाने और विहारी के चोटिल होने के बाद जीत की कोशिश करना मुश्किल था। ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना कभी आसान नहीं रहा, इसलिए विहारी खुद पर गर्व कर सकता है। यह पारी शतक बनाने के बराबर थी।’ इस ऑफ स्पिनर ने कहा कि नेट्स पर अच्छी बल्लेबाजी करने से उनका आत्मविश्वास बढ़ा और वह लंबे समय तक क्रीज पर टिके रहने में सफल रहे। उन्होंने कहा, ‘मैंने नेट्स पर अच्छी बल्लेबाजी की थी और इसलिए क्रीज पर कुछ समय बिताना शानदार रहा। सिडनी में 400 रन से अधिक का लक्ष्य का पीछा करना आसान नहीं था, क्योंकि पिच में असमान उछाल थी। पंत की पारी ने हमारे लिये नींव रखी।’ पिछली चार पारियों में खास प्रदर्शन नहीं कर पाने वाले अश्विन ने कहा कि सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर उनके बल्लेबाजी रिकार्ड ने उन्हें अच्छी बल्लेबाजी करने की प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा, मैंने लंच के समय बल्लेबाजी कोच से बात की कि मैं एससीजी में अर्धशतक लगाये बिना वापस नहीं लौटा हूं।
यह ऐसा मैदान है जहां मैंने बल्लेबाजी में अच्छा प्रदर्शन किया है और आज की पारी भी इसका सबूत है। ’