केवल दस दिन के अंदर फर्श से अर्श पर पहुंचने और ‘बिग हिटर’ रोहित शर्मा की वापसी से मजबूत बनी भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गुरुवार से यहां शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में विजय क्रम जारी रखकर बोर्डर-गावस्कर ट्राफी पर अपना अधिकार बरकरार रखने की कोशिश करेगी। सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) में भारतीय बल्लेबाजों ने कुछ यादगार पारियां खेली हैं, लेकिन यह टीम के लिये भाग्यशाली मैदान नहीं रहा है क्योंकि उसे यहां छह मैचों में पराजय का सामना करना पड़ा। उसने एससीजी पर एकमात्र जीत 42 साल पहले
हासिल की थी। अगर अजिंक्य रहाणे की टीम सिडनी में इतिहास रचकर 2-1 से बढ़त हासिल कर लेती है तो फिर बोर्डर-गावस्कर ट्राफी उसके पास ही बनी रहेगी और यह भारतीय क्रिकेट में सबसे यादगार पलों में से एक होगा। यह इसलिए भी विशिष्ट होगा क्योंकि भारत अपने सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज विराट कोहली और दो प्रमुख तेज गेंदबाजों के बिना इसे हासिल करेगा। ऐसा हर समय नहीं होता जबकि स्टीव स्मिथ जैसे बल्लेबाजों से सजी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी को भारतीय गेंदबाजों ने दहशत में डाला हो।
मोहम्मद शमी के बाद उमेश यादव के भी बाहर होने के बाद नवदीप सैनी और शार्दुल ठाकुर में से जिसका भी चयन किया जाएगा उसे यह जिम्मेदारी बखूबी निभानी होगी। ऑस्ट्रेलिया पर भारतीय गेंदबाजों ने किस तरह से दबाव डाला है इसका प्रमाण यह है कि वह 70 प्रतिशत फिट डेविड वार्नर को उतारने की तैयारी कर रहा है, ताकि अधर में लटकी उनकी बल्लेबाजी की नैया पार लग सके। रोहित शर्मा भारतीय टीम से जुड़ते हैं जो इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में खेलते समय चोटिल होने के कारण सीमित ओवरों की श्रृंखला और पहले दो टेस्ट मैचों में नहीं खेल पाये थे। उनकी उपस्थिति से टीम और युवा खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा और यही वजह है कि उन्हें चेतेश्वर पुजारा की जगह उप कप्तान नियुक्त किया गया। अगर रोहित और शुभमन गिल टीम को अच्छी शुरुआत दिलाते हैं तो इससे पुजारा को राहत मिलेगी जो पहले दो टेस्ट मैचों में लचर प्रदर्शन करने के कारण दबाव में हैं। रहाणे पिछले मैच में शतक और जीत के बाद मिशेल स्टार्क, जोश हेजलवुड, पैट कमिन्स और नाथन लियोन का सामना करने के लिये आत्मविश्वास के साथ क्रीज पर उतरेंगे।