दलहनी फसलों की खेती करने वाले किसानों को कई बार नुकसान झेलना पड़ता है, ऐसे में वैज्ञानिकों ने चने की नई किस्म विकसित की है, जिसपर पाले का असर नहीं होगा। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान जैसे राज्यों में एक बड़े क्षेत्रफल में चने की खेती होती है, लेकिन सर्दियों में पाले की वजह से किसानों को काफी नुकसान भी उठाना पड़ता है।
कृषि विज्ञान केंद्र, बड़वानी, मध्य प्रदेश के वैज्ञानिकों ने चने की नई देसी किस्म (आरबीजी-202) विकसित की है। इसकी खासियत यह है कि इसमें पाला पड़ने की संभावना कम रहेगी। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. डीके तिवारी बताते हैं, "यहां पर ज्यादातर किसान रबी में चने की खेती करते हैं, हमारी कोशिश रहती है कि किसानों तक नई किस्में पहुंचाते रहे, जिससे किसान अच्छा मुनाफा कमा सकें। चने की नई किस्म की कई खासियतें हैं। कृषि विज्ञान केंद्र में पिछले दो साल चने की किस्म आरबीजी-202 का बीज तैयार कर रहे थे। यहां पर इसका सफल ट्रायल करने के बाद दूसरे राज्यों में भेजा गया है।"