कॉलम- 3 : लोकल में लटकती जान

रोजाना लोकल ट्रेनों से यात्रा के दौरान कई नागरिक अपनी जान गवां रहे हैं। इन मौतों को आसानी से रोका जा सकता है लेकिन उपाययोजना की कमी के कारण लोकल दुर्घटनाओं में होनेवाली मौतों में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आ रही है। विशेषज्ञों के अनुसार जनसंख्या को ध्यान में रखकर लोकल ट्रेनों की संख्या बढ़ाने के साथ ही सभी लोकल ट्रेनों के डिब्बों में बढ़ोत्तरी करने की आवश्यकता है। इतना ही नहीं, लोकल ट्रेनों के खुले दरवाजों को बंद दरवाजों में तब्दील करने की आवश्यकता हैं। यदि मध्य रेलवे, पश्चिम रेलवे और हार्बर रेलवे में इस प्रकार का परिवर्तन किया जाता है तो लोकल ट्रेनों से गिरकर मरनेवालों की संख्या में बड़ी कमी आएगी।

एक आरटीआई रिपोर्ट के अनुसार वर्ष २०१९ में १ जनवरी से ३१ दिसंबर के बीच मध्य रेलवे में यात्रा के दौरान दुर्घटना में मरनेवालों की संख्या १,३३९ है जबकि घायल होनेवालों की संख्या १,४३६ है। वहीं पश्चिम रेलवे की बात करें तो वर्ष २०१९ में दुर्घटना के दौरान मरनेवालों की संख्या ९२८ है जबकि गंभीर रूप से घायल होनेवालों की संख्या १,३२२ है। 

प्रकाशित तारीख : 2020-02-15 01:04:13

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