विकास खंड देवमई के ग्राम कंसाही प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ ग्रामीणों ने कार्यों के नाम पर एक बड़ी धनराशि के गबन की शिकायत मुख्यमंत्री सहित सभी जिले के उच्चाधिकारियों से की थी। जिसमें जांच के दौरान प्रथम दृष्टया ग्रामीणों की शिकायत सही पाई गई।
कंसाही ग्राम निवासी लक्ष्मीकांत पुत्र स्वर्गीय श्री बिहारी तिवारी ने मुख्यमंत्री को दिए गए पत्र में आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत सदस्यों के शपथ पत्र द्वारा जिलाधिकारी फतेहपुर के समक्ष ग्राम प्रधान पर जो आरोप लगाए थे। उसकी जांच कृषि उप निदेशक अनिल कुमार पाठक व अधिशासी अभियंता विद्युत द्वितीय खंड फतेहपुर आरएन सिंह ने संयुक्त रूप से की थी। जिसमें शिकायत कर्ताओं की शिकायत लगभग सही पाए जाने पर 478281 रुपए की धनराशि के दुरुपयोग की जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रेषित की थी, किंतु अभी तक ग्राम पंचायत व ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ किसी भी तरह की कार्यवाही ना होने से ग्रामीणों ने अपनी नाराजगी जताई है। 6 जनवरी 2020 को मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को दी गई एक शिकायत में बताया गया है कि ग्राम प्रधान ने बड़े तालाब से बंधवा तक नाले के नाम पर अभिलेखों से लाखों रुपए आहरित किए हैं जबकि एक दिन भी फावडा नहीं चला।
इसी तरह केसरीपुर से ललित के खेत तक नाली खुदाई के नाम पर भी फर्जी तरह से भुगतान करा लिया गया है। शिकायत में यह भी कहा गया है कि हैंडपंप की मरम्मत के लिए प्रधान ने एक बड़ी धनराशि का गबन किया है। शिकायत कर्ताओं का कहना है कि 18 हैंडपंप गांव में लगे हैं। जिनकी मरम्मत ग्रामीण चंदा करके करते हैं ।
जब नामित अधिकारियों ने जांच की तो पता चला कि प्रथम दृष्टया ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी ने अनियमितताएं बरती हैं। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि कि नाले के नाम पर जो 56 हजार 28 रुपए का भुगतान किया गया है। उसमें भी अनियमितता पाई गई है, और नाले का निर्माण नहीं कराया गया हैं। जांच अधिकारी ने नाली की खुदाई पर भी सवाल उठाए हैं। जांच अधिकारी का कहना है कि जब नाली की खुदाई नहीं हुई तो 81298 का भुगतान किस तरह किया गया ।
नामित जांच अधिकारियों की रिपोर्ट के मुताबिक ग्राम प्रधान पर ग्रामीणों द्वारा लगाए गए आरोप अधिकतम प्रथम दृष्टया सही पाए गए और जांच अधिकारियों ने ग्राम प्रधान के ऊपर 478281 की धन राशि के दुरुपयोग की रिपोर्ट दी है। कंसाही निवासी लक्ष्मीकांत तिवारी ने बताया कि जांच अधिकारी द्वारा रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद भी आज तक ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिसकी शिकायत उन्होंने मुख्यमंत्री से बिंदुवार की है और जांच अधिकारियों द्वारा दी गई जांच आख्या को भी उनके पटल पर रखा है। अब देखना है कि ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी पर कब तक कार्रवाई की जाएगी।
मालूम हो कि जिलाधिकारी संजीव सिंह ने पिछले दिनों जांच आख्या के अनुसार ग्राम विकास अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा था। ग्राम विकास अधिकारी का कहना है कि उसनें अपना स्पष्टीकरण जिला पंचायत राज अधिकारी को भेज दिया है। जांच आख्या और ग्राम विकास अधिकारी द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण के बाद विभागीय अधिकारी किस तरह की कार्यवाही करते है।