हैदराबाद नगर निकाय चुनाव की मतगणना (Counting) में तेलंगाना की सत्ताधारी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है हालांकि चुनावों में बीजेपी के 'उभरकर' सामने आने के कारण TRS की जीत का जश्न फीका पड़ गया है.बीजेपी ने हैदराबाद के निकाय चुनावों को पूरी गंभीरता से लेते हुए इस बार आक्रामक अंदाज में प्रचार किया था, यही नहीं, पार्टी ने प्रचार में अपने ज्यादातर दिग्गज नेताओं को भी उतार दिया था. अपने इस प्रचार के कारण बीजेपी ने न केवल सीएम के. चंद्रशेखर राव की पार्टी TRS के प्रभाव को कम किया बल्कि असदुद्धीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को दूसरे स्थान के लिए कड़ी चुनौती देने में भी कामयाब रही.
टर हैदराबाद म्युनिसिपल कार्पोरेशन (GHMC) के पूरे परिणाम शुक्रवार देर रात तक आने की संभावना है. पार्टीवार बात करें तो तेलंगाना राष्ट्र समिति यानी टीआरसी की सीटों की संख्या में 2016 के चुनावों की तुलना में करीब 40 फीसदी की कमी आई है. बीजेपी के हाथों उसे 30 सीटें गंवानी पड़ी है. बीजेपी जिसके पास इन चुनावों में गंवाने के लिए कुछ नहीं था, के प्रदर्शन में काफी सुधारा आया है. पार्टी के इस प्रदर्शन को राजनीतिक विश्लेषण वर्ष 2023 के तेलगांना विधानसभा चुनाव के लिहाज से 'बड़ी छलांग' मान रहे हैं. ऐसा लगता है कि 2023 के तेलगांना विधानसभा में सत्तारूढ़ टीआरएस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला होगा और कांग्रेस इस दौड़ में कही नहीं होगी.अब तक के रुझानों के अनुसार, 150 सीटों वाले हैदराबाद निकाय चुनावों में टीआरएस 60 के आसपास सीट जीत सकती है जबकि दूसरे नंबर की पार्टी के लिए बीजेपी और एआईएमआईएम के बीच मशक्कत है. बीजेपी अपनी सीटों की संख्या 40 के पार पहुंचा सकती है. ताजा रुझानों केेअनुसार टीआरएस 58 सीटों पर आगे है जबकि बीजेपी 47 और एआईएमआई 43 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है.