पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और लेफ्ट का एक साथ चुनाव लड़ना लगभग तय है। राहुल गांधी के साथ पश्चिम बंगाल के कांग्रेस विधायकों की वर्चुअल बैठक में कांग्रेस के विधायकों ने लेफ्ट के साथ गठबंधन के पक्ष में अपनी हामी भरी है। सूत्रों ने बताया कि विधायकों ने पश्चिम बंगाल चुनाव में एकमत से लेफ्ट के साथ गठबंधन के पक्ष में राय दी और अंतिम फैसला पार्टी नेतृत्व पर छोड़ा। राहुल गांधी ने विधायकों से कहा कि उनकी राय को वो कांग्रेस अध्यक्ष तक पहुंचाएंगे।
बैठक में कांग्रेस के 22 विधायकों के अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी, बंगाल के कांग्रेस प्रभारी जितिन प्रसाद भी मौजूद थे। पश्चिम बंगाल में कुल 294 विधानसभा की सीटें हैं। 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और लेफ्ट ने एक साथ चुनाव लड़ा था। तब कांग्रेस विधानसभा में दूसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और पार्टी ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि लेफ्ट को सीपीएम को 26 और बाकी लेफ्ट के घटक दलों को कुछ सीटें मिलीं थीं। भाजपा मात्र 3 सीट जीत सकी थी।
हालांकि, मौजूदा विधायकों के पाला बदलने की वजह से कांग्रेस के अभी 23 विधायक ही हैं जबकि भाजपा के पास 16 विधायक हैं। ऐसे में सवाल है कि बंगाल में भाजपा के ज़बरदस्त उभार के बीच क्या कांग्रेस दूसरी बड़ी पार्टी रह पाएगी? पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा के चुनाव होंगे। 31 मई, 2021 तक विधानसभा का गठन होना है और चुनाव आयोग को चुनाव की प्रक्रिया 31 मई से पहले संपन्न करानी होगी। बंगाल के साथ चार और राज्यों में चुनाव होने हैं।