उत्तर प्रदेश में साल 2022 में विधानसभा चुनाव होना है, लेकिन राजनीतिक पार्टियों ने अभी से उसकी उधेड़बुन शुरु कर दी है। कांग्रेस से इस्तीफा देकर पूर्व सांसद अन्नू टंडन ने सोमवार को अखिलेश यादव की मौजूदगी में सपा का दामन थाम लिया है। अन्नू टंडन ने लखनऊ कार्यालय में समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। टंडन ने बीते शनिवार को ही अपने समर्थकों के साथ सपा में शामिल होने की घोषणा की थी।
अन्नू टंडन वर्ष 2009 में कांग्रेस के टिकट पर उन्नाव से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची थीं। उन्होंने पार्टी के टिकट पर उन्नाव से 2014 व 2019 लोकसभा का चुनाव भी लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली। कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व से नाराजगी और लगातार हो रही उपेक्षा की वजह से उन्होंने 29 अक्तूबर को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। अन्नू टंडन ने कहा कि वह सिर्फ अखिलेश यादव से प्रभावित होकर सपा का दामन थाम रही हैं।
उन्होंने कहा कि अखिलेश ने अपनी सरकार में जितना काम किया उससे ज्यादा करना संभव नहीं था। अखिलेश फिर से मुख्यमंत्री बनें यही मेरा मकसद है। कांग्रेस छोड़ने के बारे में उन्होंने कहा कि मैंने करीब 15 वर्ष कांग्रेस में गुजारे हैं और मुझे राहुल गांधी व सोनिया गांधी से भरपूर स्नेह मिला है। मैं 2019 के बाद से निराश थी जिसके बाद मैंने तय किया कि अब जनता के लिए काम करना है तो कांग्रेस छोड़ना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि यूपी में कांग्रेस का संगठन अभी इतना मजबूत नहीं है कि भाजपा का सामना कर सके। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव व बांगरमऊ के हफीजाबाद गांव निवासी शशांक शेखर शुक्ला ने पूर्व सांसद अन्नू टंडन का समर्थन करते हुए शनिवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था।
'भाजपा को हटाना हमारा मकसद'
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि वर्ष 2022 में भाजपा सरकार के साथ ही कोरोनावा यरस सहित सारी बीमारियां खत्म हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि यहां पर वायरस से लड़ने की कोई तैयारी नहीं है। दुनिया के उन देशों में जहां से यह बीमारी चली वहां दोबारा से लॉकडाउन किया जा रहा है। इस सरकार में दलितों, पिछड़ों और सवर्णों सभी को अपमानित किया जा रहा है। भाजपा सरकार में संविधान खतरे में है। इस सरकार को हटाना जरूरी है। हम समाजवादी पार्टी में अच्छे लोगों को जोड़ रहे हैं। जिससे भाजपा सरकार को हटाकर एक अच्छी सरकार बनाई जाए।