नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के द्वारा अप्रैल के अंत में अचानक चीन के राजदूत बनाए गए महेंद्र बहादुर पांडे 'चीनी तोता' बन गए हैं। चीन के साथ बेहतर रिश्ते बनाने के लिए बीजिंग भेजे गए राजदूत ड्रैगन के प्रवक्ता के रूप में काम करने लगे हैं। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में जिस तरह उन्होंने एक तरफ चीन की जमकर तारीफ की तो भारत पर नेपाली जमीन कब्जाने सहित कई गंभीर और झूठे आरोप मढ़ डाले। पांडे के इस इंटरव्यू से खुद नेपाल के जानकार और विश्लेषक हैरान हैं और उनकी कूटनीतिक समझ पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
चीन के सरकारी अखबार को दिए इंटरव्यू में महेंद्र बहादुर पांडे ने चीन-नेपाल रिश्तों की तारीफ की और कहा कि भारत के साथ भारतीय और विदेशी मीडिया चीन-नेपाल रिश्तों को खराब करने की कोशिश में है। केपी ओली सरकार ने अप्रैल में अचानक लीलामणी पौडयाल को बीजिंग से वापस बुलाकर पांडे को भेज दिया था। इस बदलाव को लेकर अभी तक कोई कारण नहीं बताया गया है।
काठमांडू पोस्ट की एक खबर के मुताबिक, महेंद्र बहादुर पांडे के इस इंटरव्यू की नेपाल में तीखी आलोचना हो रही है। विश्लेषक, कूटनीतिज्ञ और राजनीतिक दलों के नेताओं ने पांडे के बयानों को गैरकूटनीतिक एक राजदूत के दायरे से बाहर बताया है, जो कि प्रोटोकॉल के उल्लंघन वाला है।