अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर की नींव रखी जाएगी। इससे पहले राम मंदिर नींव के भीतर टाइम कैप्सूल रखे जाने को लेकर खूब चर्चा है। यह कैप्सूल क्या है? क्या ऐसा पहली बार हो रहा है? ऐसे तमाम सवाल लोगों के मन में चल रहे हैं। दरअसल, बताया जा रहा है कि राम मंदिर का इतिहास हजारों साल तक मौजूद रहे, इसके लिए मंदिर के गर्भगृह की 200 फीट गहराई में टाइम कैप्सूल रखा जाएगा।
इस टाइम कैप्सूल पर मंदिर का पूरा विवरण और इतिहास लिखा रहेगा, ताकि भविष्य में जन्मभूमि और राम मंदिर का इतिहास देखा जा सके और कोई विवाद न हो। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने मीडिया को सबसे पहले यह जानकारी दी थी।
बिहार के रहने वाले कामेश्वर चौपाल वह व्यक्ति हैं, जिन्होंने 9 नवंबर 1989 को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए आधारशिला रखी थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर निर्माण के लिए बने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में उन्हें सदस्य भी बनाया गया है।
1989 में भी भूमि के नीचे दबाया गया था ताम्र लेख
राम मंदिर के चीफ आर्किटेक्ट निखिल सोमपुरा बताते हैं कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बाद मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। उनके मुताबिक 200 मीटर गहराई की मिट्टी का सैंपल लिया गया था, लेकिन अभी उसकी रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट के आधार पर ही मंदिर का निर्माण करने वाली कंपनी एलएनटी नींव की खुदाई शुरू कर देगी।