यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में बुल्गारिया सबसे गरीब देश है. यहां भ्रष्टाचार भी सबसे व्यापक है. जर्मनी ट्रेड एंड इनवेस्ट (GTAI) के अनुसार, 2018 में यहां औसत आय केवल 580 यूरो प्रति माह थी. यूरोपीय संघ में शामिल होने के बाद से कई युवा लोगों ने देश छोड़ दिया. इनमें बहुत से पढ़े-लिखे लोग भी शामिल थे.
यूरोपीय संघ की आर्थिक रैंकिंग में नीचे से दूसरे स्थान पर है रोमानिया. यूरोपीय परिषद के अनुसार 2019 में यहां औसत आमदनी 1050 यूरो थी, जबकि उसी दौरान जर्मनी में यह 3994 यूरो थी.
आसमान से गिरे खजूर पर अटके, यह कहावत ग्रीस के लिए सही बैठती है. यह देश कर्ज संकट से अभी पूरी तरह उबरा भी नहीं था कि कोरोना की मार पड़ गई. ग्रीस मुख्य रूप से पर्यटन पर निर्भर है, जो इस दौरान ना के बराबर रहा है.
2018 के आंकड़ों के अनुसार यहां औसत रूप से हर व्यक्ति के पास 26,500 यूरो की संपत्ति है. जर्मन लोगों की तुलना में यह 10,000 यूरो ज्यादा है. वजह यह है कि फ्रांस में बहुत से लोग दो-दो घरों के मालिक हैं.
ना कोई विकास, ना ही कोई सुधार. पिछले कुछ सालों में इटली की स्थिति को इन शब्दों में बयान किया जा सकता है. कोरोना की मार सबसे ज्यादा इटली को ही पड़ी. वह ईयू के राहत पैकेज के एक बड़े हिस्से की उम्मीद कर रहा है.
सकल घरेलू उत्पाद में यहां लगभग 15 प्रतिशत योगदान पर्यटन का है. इस उद्योग को कोरोना के कारण भारी नुकसान हुआ. और अब जब लोगों ने एक बार फिर स्पेन जाना शुरू कर दिया है, तो कोरोना की दूसरी लहर का खतरा बन गया है.
यहां के लोग जितने संपन्न हैं, उतना ही ज्यादा इन्हें टैक्स भी चुकाना पड़ता है. जब कोरोना स्वीडन तक पहुंचा, तो सरकार ने लॉकडाउन ना करने का फैसला किया. नतीजतन काफी मौतें भी हुईं. टैक्स दरों के बावजूद स्वीडन में लोगों के पास औसत 27,511 यूरो है, यानी फ्रांस से भी ज्यादा.
स्वीडन, डेनमार्क ऑस्ट्रिया और नीदरलैंड्स - इन चार देशों के समूह को यूरोप में "किफायती चार" के नाम से जाना जाता है. इन्होंने पहले इटली की आर्थिक मदद करने से इनकार किया, फिर ईयू के कोरोना राहत पैकेज के मामले में भी ये चारों जरूरतमंद देशों की मदद करने से बचते दिखे. नीदरलैंड्स के लोगों के पास औसतन 60,000 यूरो की संपत्ति है.
जर्मनी के बारे में कहा जा सकता है कि जर्मनी की सरकार अमीर है, लोग नहीं. आर्थिक प्रदर्शन के लिहाज से यह ईयू का बेहतरीन देश है लेकिन यहां के लोगों के पास औसत रूप से महज 16,800 यूरो की ही संपत्ति है. आर्थिक रूप से कमजोर इटली के लोगों की संपत्ति भी इससे दोगुना है.