भारत-नेपाल सीमा को बांटने के लिए लगाए गए पिलर बड़ी संख्या में क्षतिग्रस्त हैं, लेकिन नया विवाद मिर्चिया के 766 और सूडा के 742 नंबर के पिलर को लेकर है। दोनों देशों के अधिकारी दोनों पिलरों को लेकर अड़े हुए हैं और अपना-अपना कब्जा बता रहे हैं। दोनों जगहों पर सीमांकन पिलर गायब होने पर एसएसबी और नेपाल के एपीएफ ने संयुक्त रूप से गश्त भी किया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। अब सर्वे के बाद ही सीमा पर स्थित स्पष्ट होने की उम्मीद जताई जा रही है।
यह बात किसी से नहीं छिपी है कि सीमा पर नेपाली नागरिकों ने नो-मैंस लैंड के साथ ही भारत की तरफ 50 से 60 मीटर अंदर तक खेती की जा रही है। जिसके कारण 125 किमी. सीमा पर खीरी क्षेत्र में 30 फीसद तक पिलर गायब हैं। दोनों देशों के जिला अधिकारियों के बीच सीमा विवाद पर गौरीफंटा में वार्ता में मिर्चिया और सूडा दोनों जगहों के पिलरों के क्षतिग्रस्त होने का मुद्दा उठा। तय हुआ कि संयुक्त सर्वे ही पूरे विवाद का हल है, इसलिए अधिकारी सर्वे पर राजी हो गए हैं।