नेपाल कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा पर अपने कदम पीछे खींचने के लिए तैयार नहीं है. नेपाल आज संसद में नेपाल के नए नक्शे को मान्यता देने के लिए संविधान संशोधन को पास कर सकता है. नेपाल के नए नक्शे में भारत के तीन क्षेत्र कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को शामिल किया गया है जिन पर वह अपना दावा पेश करता है. नेपाल के कानून मंत्री शिव माया ने 31 मई को संसद में ये बिल पेश किया था.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 मई को कैलाश मानसरोवर रोड लिंक का उद्घाटन किया था जो उत्तराखंड के लिपुलेख से होकर गुजरती है. नेपाल का दावा है कि इस सड़क का 19 किमी हिस्सा उसके संप्रभु क्षेत्र से गुजरता है और सड़क निर्माण को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया था. भारत का पक्ष स्पष्ट है कि उसकी ओर से जो भी सड़क निर्माण या आधारभूत निर्माण किया जा रहा है, वो भारतीय सीमा के अंदर है. हालांकि, भारत ने ये भी कहा है कि नेपाल के साथ दोस्ती को देखते हुए वह सीमा विवाद को कूटनीतिक वार्ता के जरिए सुलझाने के पक्ष में है.
नेपाल ने सड़क निर्माण को लेकर आपत्ति जताने के बाद कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा क्षेत्रों को शामिल करते हुए नया नक्शा जारी किया था. अब नेपाल इस नक्शे को कानूनी वैधता देने के लिए संविधान संशोधन से जुड़ा बिल पास करने जा रहा है.अगर संसद में बिल मंजूर हो जाता है तो सांसदों को फैसले में बदलाव के लिए 72 घंटे का वक्त दिया जाएगा. अगर बिल को लेकर कोई आपत्ति नहीं आती है तो उसी दिन बिल पास हो जाएगा. बिल पास होने के लिए सदन के दो-तिहाई वोटों को हासिल करना जरूरी है.