लद्दाख सीमा विवाद को हल करने के लिए चीन और भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अफसरों के बैठक से पहले चीनी मीडिया ने भारत पर जमकर निशाना साधा है। चीन सरकार के प्रोपगेंडा मैगजीन ग्लोबल टाइम्स ने कटाक्ष करते हुए लिखा कि भारत ने धीरे-धीरे चीन के प्रति रणनीतिक श्रेष्ठता का भ्रम पैदा किया है। भारत के कुछ लोगों को लगता है कि चीन सीमा मुद्दे पर रियायत दे सकता है। उन्हें विश्वास है कि चीन, भारत के टूटने से डरता है और भारत को इसका लाभ हो सकता है।
भारत में बढ़ रही चीन विरोधी मानसिकता
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि चीन के प्रति विरोध की मानसिकता भारत में बढ़ रही है और इसने भारतीय नीति निर्माताओं पर दबाव डाला है। चीनी और भारतीय नेताओं ने 2018 में एक अनौपचारिक शिखर बैठक की और एक महत्वपूर्ण सहमति पर पहुंच गए थे। पिछले दो वर्षों में दोनों देशों के उच्च-रैंक के अधिकारियों के बीच लगातार संपर्क बना रहा और भारतीय नेताओं ने रणनीतिक शांति दिखाई। उम्मीद है कि इस तरह की शांति विशेषकर सीमा मुद्दे पर अग्रणी भूमिका निभाएगी।
भारत को उकसावे में नहीं आना चाहिए
चीनी मीडिया ने लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि उसे अमेरिका या किसी और के उकसावे में नहीं आना चाहिए। मैगजीन ने आरोप लगाया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास गालवान घाटी क्षेत्र में भारत के बुनियादी ढांचे के निर्माण के कारण संघर्ष हुआ था। जिसमें दोनों पक्षों के सैनिक घायल हो गए थे। भारत और चीन ने विवाद को कम करने के लिए सीमा पर कम संख्या में सैनिकों को तैनात किया है।