भारत की जवाबी कार्रवाई के तेवर देखकर चीन की कम्युनिस्ट सरकार दबाव में आ गयी है। चीनी सरकार के सुर बदल गये हैं और अब शांति का राग अलापने लगी है। चीन की पीपुल लिब्रेशन आर्मी ने भी पैर वापस खींच लिए हैं। चीन के विदेश मंत्रालय को बयान देना पड़ा है कि भारत के साथ सीमा पर हालात लद्दाख पूरी तरह स्थिर और नियंत्रण-योग्य हैं। दोनों देशों के पास बातचीत और विचार-विमर्श करके मुद्दों को हल करने के लिए उचित तंत्र और संचार माध्यम भी उपलब्ध हैं।
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच चल रहे गतिरोध की पृष्ठभूमि में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने झाओ लिजिआन ने कहा कि सीमा से संबंधित मुद्दों पर चीन का रुख स्पष्ट और सुसंगत है। हम दोनों नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति और दोनों देशों के बीच हुए समझौते का सख्ती से पालन करते रहे हैं
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो अनौपचारिक बैठकों के बाद उनके उन निर्देशों का जिक्र कर रहे थे जिनमें उन्होंने दोनों देशों की सेनाओं को परस्पर विश्वास पैदा करने के और कदम उठाने के लिए कहा था।