इन दिनों लद्दाख और सिक्किम से सटी भारत-चीन सीमा पर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. इन इलाकों में चीन ने न सिर्फ अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है बल्कि उसकी वायु सेना के हेलीकॉप्टर भी लगातार आसमान में मंडरा रहे हैं. उधर नेपाल ने भी तिब्बत और चीन से सटी सीमा पर भारत के लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधूरा इलाके को अपने नए राजनीतिक नक्शे में शामिल कर एक नए विवाद को जन्म दे दिया है. माना जा रहा है कि नेपाल ने भी यह दुस्साहस चीन की शह पर ही किया है.
नेपाल की यह कार्रवाई और चीनी सैनिकों की ओर से उकसाने वाली गतिविधियों में अचानक आई तेजी बता रही है कि चीनी नेतृत्व सीमा पर बेवजह तनाव पैदा कर भारत को बड़ी परेशानी में डालना चाह रहा है. उसे लग रहा है कि भारत इन दिनों कोरोना महामारी से निपटने में लगा है इसलिए ऐसे में फिर से मोर्चा खोलकर उसे सीमाओं पर उलझाया जा सकता है और इसकी आड़ में अपने हितों के लिए दबाव बनाया जा सकता है.
चीन का यह रवैया देश के रक्षा मंत्री रहे दिवंगत समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडीस की उस चेतावनी की याद दिलाता है, जिसमें उन्होंने चीन को भारत का दुश्मन नंबर एक करार दिया था. बात करीब दो दशक पुरानी है. तब भी केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार थी और अटल बिहारी वाजपेयी उसका नेतृत्व कर रहे थे.