चीन सीमा पर चल रहे तनाव के बीच सरकार ने साफ कर दिया है कि बॉर्डर पर सड़क और दूसरा निर्माण-कार्य का काम नहीं रूकेगा. सरकार के टॉप सूत्रों ने एबीपी न्यूज से कहा कि चीन भले ही बॉर्डर एरिया में इंफ्रास्ट्रक्चर-डेवलपमेंट से खफा हो लेकिन भारत ये काम नहीं रोकेगा.
सूत्रों के मुताबिक, लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जो हालिया विवाद है वो सीमावर्ती इलाकों में सड़कों का जाल और दूसरी मूलभूत सुविधाएं के कारण है. चीन नहीं चाहता है कि भारत के अधिकार-क्षेत्र में ये सब कार्य हों. लेकिन भले ही इसके लिए सीमा पर तनाव हो लेकिन अब ये निर्माण-कार्य जारी रहेगा.
आपको बता दें कि गैलवान घाटी में चीन जो 80 टेंट गाड़कर बैठ गया है वो दरअसल, उस सामरिक महत्व की सड़क के कारण हैं जो लद्दाख के दुरबुक (डुरबुक) से श्योक होते हुए डीबीओ (दौलत बेग ओल्डी) तक के लिए है. ये करीब 255 किलोमीटर लंबी 'डीएसडीबीओ' सड़क है जिसका उदघाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले साल अक्टूबर में किया था. उस वक्त इस सड़क पर श्योक नदी पर 'कर्नल चेवांग रिनछेन सेतु' तैयार हुआ था जिसके बनने से सड़क का काम पूरा हो गया था. ये डीएसडीबीओ रोड गैलवान घाटी के करीब से गुजरती है.